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सरयू ने फिर साधा निशाना- पैसे बांट रहे सीएम, किसानों को अब तक नहीं मिला बोनस Ranchi News

Jharkhand. खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 08:04 PM (IST)
सरयू ने फिर साधा निशाना- पैसे बांट रहे सीएम, किसानों को अब तक नहीं मिला बोनस Ranchi News
सरयू ने फिर साधा निशाना- पैसे बांट रहे सीएम, किसानों को अब तक नहीं मिला बोनस Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने एक बार फिर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। मंत्री ने कहा है कि सरकार एक ओर समारोह आयोजित कर किसानों के खाते में पैसे डाल रही है, वहीं दूसरी ओर 31 मार्च तक क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों में से 2838 को न तो अबतक न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है और न ही बोनस।

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उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने से किसानों को सहायता राशि का भुगतान करने में तत्परता दिखाई जा रही है, उतनी तत्परता वैसे किसानों को उनकी हकदारी का भुगतान करने में भी होना चाहिए, जिन्होंने पसीना बहाकर और निजी निवेश कर धान उपजाया है। मंत्री ने कहा है कि खरीफ की बुआई का समय आ गया है। किसान खेतों में धान का बिचड़ा डाल रहे हैं। उन्हें खेती के लिये पूंजी की जरूरत है, परंतु उनकी पूंजी बेवजह सरकार के पास फंसी हुई है।

पदाधिकारियों को 10 जून तक बकाया भुगतान का निर्देश दिया गया था, जिसमें कोताही बरती गई है। राज्य के 2838 किसानों का सरकार पर आज भी 36 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया अविलंब शुरू करने का निर्देश विभागीय सचिव को दिया है। उन्होंने कहा है कि सामान्य तौर पर क्रय केंद्रों (पैक्स) को धान मुहैया कराने के अधिकतम एक सप्ताह के अंदर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया करा दिए जाने के प्रावधान है।

साथ ही पैक्स द्वारा किसानों से खरीदा गया धान अविलम्ब पैक्स से उठाकर चावल मिल में भेजने का निर्देश है। नियमानुसार धान जैसे ही मिल तक पहुंचता, उसकी कीमत किसान के खाते में डाल दी जानी चाहिए, जिसे कुछ अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया। राज्य भर में कुल 34,247 किसानों से इस वर्ष 2,27,858 लाख टन धान की खरीद हुई है, जिसमें से 31,409 किसानों को लगभग 396 करोड रुपये का भुगतान हो पाया है। कई जिलों में किसानों से खरीदा गया धान अभी भी पैक्स में पड़ा है। इसे मिल में नहीं भेजा जाना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

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