Fire in Jharkhand Assembly: विधानसभा में आग पर सियासी रोटी, सरयू ने मांगी सीबीआइ जांच
Fire in Jharkhand Assembly यह भी सवाल उठे कि विधानसभा सचिवालय को बगैर हैैंडओवर किए विशेष सत्र का आयोजन किन परिस्थितियों में हुआ?
रांची, राज्य ब्यूरो। Fire in Jharkhand Assembly झारखंड विधानसभा के नए भवन में बुधवार की रात आग लगने की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। गुरुवार को इस पर अलग-अलग कोने से प्रतिक्रिया आई। किसी ने इसे लेकर सरकार को घेरा, तो किसी ने साजिश की ओर इशारा किया। यह भी सवाल उठे कि विधानसभा सचिवालय को बगैर हैैंडओवर किए विशेष सत्र का आयोजन किन परिस्थितियों में हुआ? भवन अगर तैयार नहीं था, तो फिर 12 सितंबर को इसका उद्घाटन कराने से परहेज करना चाहिए था। घटना की सीबीआइ जांच तक की मांग उठी।
500 करोड़ की लूटगाथा : हेमंत सोरेन
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने विधानसभा के नए भवन के निर्माण में भारी अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह 500 करोड़ की लूटगाथा है। यह आग लगी नहीं, बहुत कुछ छिपाने के लिए लगाई गई है। शासन इसकी उच्चस्तरीय जांच कराए, नहीं तो मेरी सरकार में सब घोटाला बाहर आ ही जाएगा। मैं इस विधानसभा के उद्घाटन समारोह में भी शरीक नहीं हुआ था। सारी बातें उस समय उठाई थी, लेकिन सरकार ने मेरी बातों को दरकिनार कर दिया। झारखंड विधानसभा के नए भवन में भीषण आग बहुत कुछ कह रही है। आनन-फानन में अधूरे विधानसभा भवन का उद्घाटन कराकर कानून की धज्जियां उड़ाई गईं।
उच्चस्तरीय जांच कराए सरकार : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने विधानसभा में आग लगने की घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड में अजीबोगरीब घटनाएं होती हैं। यहां 2200 करोड़ रुपये की लागत से बने डैम को चूहे कुतर देते हैं। जिस विधानसभा भवन को ठेकेदार हैैंडओवर नहीं करता, उसका उद्घाटन प्रधानमंत्री से कराया जाता है। प्रधानमंत्री भवन के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हैैं, लेकिन नए भवन में आग लगने की घटना सरकार को कठघरे में खड़ा करती है। यह भाजपा सरकार में लूट की एक बानगी है। भारी-भरकम लागत से बने भवन में स्थापित मानकों को उल्लंघन किया गया, जो जनता के साथ धोखा है।
हर पहलू की जांच हो : राधाकृष्ण किशोर
विधानसभा में सत्ताधारी दल के पूर्व मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने आग लगने की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि तकनीकी खामियों की वजह से घटना हुई है, तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि भवन के निर्माण में घटिया सामग्री और उपकरण का उपयोग हुआ है या नहीं? अगर किसी ने आग लगाकर साजिश की है, तो प्रशासन को पर्दाफाश करना चाहिए। हालांकि, विधानसभा सचिवालय को भवन हैैंडओवर नहीं किया गया है, तो वहां कोई कागजात और दस्तावेज नहीं थे। ऐसे में कोई भला आग क्यों लगाएगा? हर पहलू पर जांच एजेंसी काम करे और इस घटना की वजह का खुलासा किया जाए।
उद्घाटन कराना गलत, मैैंने आगाह किया था पीएम को : सरयू
झारखंड विधानसभा के नवनिर्मित भवन में आग लगने की घटना पर पूर्व मंत्री सरयू राय ने गंभीर सवाल उठाते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा भवन निर्माण में घपले घोटाले की शिकायत आरंभ से ही आ रही थी। आज तक नए विधानसभा भवन को ठेकेदार द्वारा विधानसभा को नहीं सौंपा गया है, परंतु छह माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आनन-फानन में इसका उद्घाटन कराया गया, जबकि उस समय तक तीन चौथाई निर्माण कार्य भी पूरा नहीं हुआ था।
सरयू राय ने कहा कि मैंने उस समय प्रधानमंत्री को राज्य के कैबिनेट मंत्री की हैसियत से पत्र लिखा था कि वे नवनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन न करें, क्योंकि इसका न सिर्फ कार्य अधूरा है, बल्कि इसके निर्माण में अनेक अनियमितताएं भी बढ़ती गई है। इस भवन का निर्माण बिना पर्यावरणीय स्वीकृति लिए किया गया है जो कि सीआईए नोटिफिकेशन 2006 के अनुसार अवैध है।
सरयू ने कहा कि एक अवैध भवन एवं अर्धनिर्मित भवन का उदघाटन प्रधानमंत्री से कराकर सीएम ने वस्तुत: एक अपराध किया था। उसी अपराध को छुपाने के लिए ऐसा लगता है कि विधानसभा के निर्मित भाग में आगजनी की गई, जिससे बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इस घटना से यह पोल भी खुल गई है कि ठेकेदार द्वारा अभी तक भवन का हैंड ओवर विधानसभा को नहीं किया गया। उन्होंने विधानसभा में आग लगने की घटना की सीबीआइ जांच की मांग भी की है।