जल संरक्षण के लिए बने नियमों का हो सख्ती से पालन
रांची शहर में दर्जनों स्थानों पर बड़े-बड़े लीकेज है। हजारों लीटर पानी बर्बाद होता है।
जागरण संवाददाता, रांची :
शहर में दर्जनों स्थानों पर बड़े-बड़े लीकेज है। हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। वहीं दूसरी ओर घर में भी हम काफी मात्रा में पानी बर्बाद कर देते हैं। जरूरी है कि सरकार और आम लोग अपने-अपने स्तर पर पानी बचाने के लिए कार्य करें। सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका पालन कड़ाई से हो। साथ ही रांची की जनता भी उन नियमों का पालन करे। इस प्रकार रांची जल संकट से उबर सकती है। उक्त बातें योर स्टोरी स्टूडियो के सदस्यों ने कही। वे शुक्रवार को दैनिक जागरण के कार्यक्रम जल संवाद में अपनी राय दे रहे थे।
प्रेम सिंह ने शहर की समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि हम छोटी समस्याओं को छोड़ देते हैं, जिससे बाद में वे बड़ी हो जाती हैं। इसलिए आज से ही छोटे स्तर पर हमें काम करने कर जरूरत है। मौके पर सत्यजीत कुमार ने आरओ के पानी को बर्बाद नही होने देने और उसके दोबारा प्रयोग की बात कही। शालू ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने से पानी की बर्बादी हो रही है। यदि हम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बनवा लें तो प्रयोग में लाए गए पानी का दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर हो ध्यान -
वार्ता के दौरान अनिमेश ने बताया कि सभी घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होने घर पर बेसिन और वॉशिंग मशीन के पानी को फ्लश में प्रयोग करने की सलाह दी। अभिषेक ने भी कहा कि डीप बोरिग समाधान नहीं है, रेन वाटर करना होगा। ब्रजकिशोर ने नियमों के पालन पर सख्ती की बात कही और अनुभव ने कहा कि पानी को स्टोर कर प्रयोग किया जाना चाहिए।
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