राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फैसला आरएसएस को होगा स्वीकार
अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है। संघ ने कहा कि उसे सुप्रीम कोर्ट का कोई भी फैसला मान्य है। मंगलवार को रांची में समन्वय की बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, रांची : अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले आने की संभावना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि कोर्ट का निर्णय जो भी हो, इसे ¨हदू समाज को स्वीकार करना चाहिए। संघ सूत्रों के अनुसार रांची में मंगलवार को हुई संघ समन्वय की बैठक में आरएसएस के पदाधिकारियों ने कहा कि राम मंदिर पर कोर्ट का निर्णय जो भी आए, संघ को स्वीकार होगा। इसे पूरे ¨हदू समाज को स्वीकार करना चाहिए।
फैसले के बाद सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की टीका टिप्पणी नहीं करते हुए जुलूस निकालने व किसी भी तरह की नारेबाजी करने से बचने की सलाह दी गई है। धुर्वा में हुई समन्वय बैठक में संघ परिवार के सभी संगठनों से जुड़े लोग उपस्थित थे। क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर ने कहा कि अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर को लेकर वर्षो की लड़ाई के बाद इस माह यह फैसला आने वाला है। इस फैसले को लेकर पूरा ¨हदू समाज उत्साहित है। सभी धर्म के लोगों को इस फैसले का इंतजार है। पूरे विश्व की नजर इस फैसले पर है कि इसे भारत के लोग किस रूप में स्वीकार करते हैं।
इसलिए पूरी तरह शांति बनाए रखते हुए हम लोगों को इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। फैसला पक्ष में आने पर भी उत्साह में किसी भी तरह की नारेबाजी करने से बचना चाहिए। बैठक में झारखंड चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। 30 अक्टूबर से एक नंवबर तक दिल्ली में आरएसएस की हुई बैठक में भी यह मुद्दा पूरी तरह छाया रहा था। उस बैठक में भी सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से फैसले को स्वीकार करने की अपील की थी। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम समाज के धर्मगुरुओं ने भी अपने लोगों से फैसले को स्वीकार करने की अपील की है। किसी भी तरह का धार्मिक उन्माद फैलाने से बचने की सलाह दी है।