केसी सुदर्शन के बाद सिमडेगा जाने वाले दूसरे सरसंघचालक होंगे मोहन भागवत
Jharkhand. वरिष्ठ संतों से विशेष संपर्क अभियान के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सिमडेगा में रामरेखा धाम के बाबा उमाकांत महाराज से मिलेंगे।
रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत संघ के विशेष संपर्क अभियान के तहत बुधवार को सिमडेगा पहुंचेंगे। वहां वे रामरेखा धाम के बाबा उमाकांत महाराज से मिलेंगे। वे रामरेखा धाम विकास समिति और हिंदू धर्म रक्षा समिति के सदस्यों से भी मिलेंगे। मुलाकात के बाद वे उसी दिन वापस लौट जाएंगे। सिमडेगा जाने के लिए वे मंगलवार को ही रांची पहुंच जाएंगे। रांची में रात्रि विश्राम करने के बाद बुधवार की सुबह सिमडेगा के लिए प्रस्थान करेंगे।
संघ के सूत्रों के अनुसार विशेष संपर्क अभियान के तहत संघ प्रमुख देश के वरिष्ठ संतों से मिलते रहते हैं। इसी कड़ी में वे रामरेखा धाम के बाबा से मिलने आ रहे हैं। पिछले वर्ष नवंबर में वरिष्ठ संतों से मिलने के क्रम में जब मोहन भागवत रांची आए थे, तब रामरेखा धाम के बाबा ने उनसे मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने सिमडेगा आने का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था।
सिमडेगा पहुंचने वाले दूसरे सरसंघचालक होंगे डॉ. भागवत
डॉ. मोहन भागवत सरसंघचालक के रूप में पहली बार 31 जुलाई को सिमडेगा पहुंचेंगे। इससे पहले वे झारखंड-बिहार के क्षेत्र प्रचारक के रूप में सिमडेगा जाते रहे हैं। डॉ. भागवत से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पांचवें सरसंघचालक केसी सुदर्शन 6 अप्रैल 2001 को सिमडेगा गए थे। आरएसएस के एक अधिकारी के अनुसार, उस दिन विराट ङ्क्षहदू सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
उस कार्यक्रम में 30 हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे। उस समय केसी सुदर्शन रामरेखा धाम के बाबा जयराम प्रपन्नाचार्य महाराज के आग्रह पर ही सिमडेगा पहुंचे थे। संघ के अधिकारी के अनुसार, वह दिन सिमडेगा के लिए बदलाव लेकर आया था। इसके बाद सिमडेगा व आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर चल रहे धर्मांतरण के खेल में कमी आई थी।
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