RSS के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले बोले, स्वावलंबी-शक्तिशाली एवं समर्थ भारत है बनाना
Jharkhand. आरएसएस के सह सरकार्यवाह ने बेंगलुरु से झारखंड में महाविद्यालय के विद्यार्थियों का ई- प्रशिक्षण शिविर का ऑनलाइन उद्घाटन किया।
रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि हमें भारत को विकसित, शक्तिशाली एवं स्वावलंबी बनाना है। आज देश के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक सक्रिय हैं। देश को परम वैभव पर ले जाने के लिए सभी अपने-अपने अनुसार कार्य कर रहे हैं। देश में आज संघ का जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे निजी स्वार्थ व राजनीति के कारण। वैसे संघ के स्वयंसेवक समाज के बीच रहते हैं। संघ किसी को अपना विरोधी नहीं मानता। कोरोना महामारी के कारण आज संघ के कार्यक्रमों में परिवर्तन किया गया है। वे शनिवार को बेंगलुरु से झारखंड में प्रारंभ दो दिवसीय ई-व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण शिविर का ऑनलाइन उद्घाटन कर रहे थे।
हिंदुत्व भारत की राष्ट्रीयता है
दत्तात्रेय ने कहा कि सत्य की निरंतर खोज से हिंदुत्व सामने आया है। हिंदुत्व किसी एक पूजा पद्धति का नाम न होकर भारत की राष्ट्रीयता है। संघ इसी हिंदुत्व के आधार पर व्यक्ति निर्माण का कार्य कर रहा है। हमें स्वाभिमानी, जागृत व सामाजिक हिंदू बनाना है। कर्मकांडी को राष्ट्रीय व जो असंगठित हिंदू हैं उन्हें संगठित करना है।
संघ का कार्य व्यक्ति एवं समाज का निर्माण करना है
सह सरकार्यवाह ने कहा कि संघ का कार्य व्यक्ति एवं समाज का निर्माण करना है। व्यक्ति को अच्छा बनाना और समाज को संगठित करना है। व्यक्ति ऐसा हो जो अपने देश व समाज के लिए अच्छा बने। विविधता से भरा समाज ऐसा हो जो किसी भी झगड़े का कारण नहीं बने।
युवा भविष्य के हैं निर्माता
सह सरकार्यवाह ने कहा कि किसी भी देश की किस्मत को बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। चाणक्य ने युवाओं को लेकर ही मगध में सत्ता परिवर्तन किया। जेपी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं को खड़ा किया। संघ संस्थापक डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने युवाओं की टोली लेकर ही संघ की स्थापना की और आज विश्व का सबसे बड़ा संगठन बना हुआ है।
सभी काम सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते
दत्तात्रेय ने कहा कि सभी काम सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते। शिक्षा एवं स्वास्थ्य आम लोगों तक कैसे पहुंचे, इसकी चिंता हमें भी करनी होगी। आज संघ के स्वयंसेवक ग्राम्य विकास, जनजातीय क्षेत्र, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। संघ विचार से प्रेरित स्वयंसवकों द्वारा डेढ लाख स्थानों पर सेवा का काम वर्षों से चलाया जा रहा है। कोरोना वायरस से आए इस संकट के समय हजारों युवा सेवा कार्य में लगे हैं।
समय एवं समर्पण से ही पूर्ण होता है संघ कार्य
उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि समाज के सहयोग से ही संघ का कार्य आगे बढ़ रहा है। संघ की कार्य पद्धति है मिलकर काम करना। स्वयंसेवक अपने ध्येय से कभी विचलित नहीं होते हैं। समय और समर्पण से ही संघ का कार्य पूर्ण होता है।