अयोध्या पर फैसला आरएसएस को स्वीकार
वर्षो की प्रतिक्षा के बाद शनिवार को राम जन्मभूमि पर फैसला आने वाला है। फैसला जो भी आएगा उसे आरएसएस को स्वीकार है।
रांची : वर्षो की प्रतिक्षा के बाद शनिवार को राम जन्मभूमि पर फैसला आने वाला है। फैसला जो भी आएगा हिदू समाज को स्वीकार होगा। फैसले के बाद सभी हिदू शांति बनाए रखें। इसे जीत या हार के रूप में नहीं लेते हुए किसी भी वर्ग को भड़काने या उकसाने वाला न कोई ब्यान दे और न आचरण करें।
राकेश लाल, सह प्रांत कार्यवाह, आरएसएस
----------------- फैसला जो भी आए, सभी धर्म के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए। किसी तरह का उकसाने वाला बयान नहीं देना है। विश्व हिदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ता भी समाज में शांति बनाए रखेंगे।
केशव राजू, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, विहिप अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम लोग सम्मान करेंगे। सभी लोगों को इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से लेना चाहिए। समाज में व्यवस्था बनाए रखने में समय लगता है जबकि तोड़ने में नहीं। इसलिए सभी वर्ग के लोगों को ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे वैमनस्यता फैले।
गुरुशरण प्रसाद, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी को मान्य है। लोग सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखें। किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान नहीं दें।
सुप्रियो भट्टाचार्य, प्रवक्ता, झामुमो।
बरकरार रखेंगे भाईचारा
झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह सेठी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पूरा देश और समाज मानेगा। हम सबको देश के संविधान पर पूरी आस्था है। हम कोई ऐसा काम न करेंगे न होने देंगे जिससे आपसी भाईचारा खराब हो। शुक्रवार की नमाज में हुई अमन की बात
रांची के मस्जिदों में जुमे की नमाज के दौरान सबसे शांति रखने की अपील की गई। लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने और किसी तरह के उकसावे की कारवाई नहीं करने को कहा गया। ईमान और पाक नीयत के साथ समाज की बेहतरी के लिए सबको साथ मिलकर रहना है यह संदेश मस्जिदों से विद्वानों ने दिया। फैसला को ईश्वरीय संदेश मान धीरता का दें परिचय
जागरण संवाददाता, रांची : चिन्मय मिशन के गुरु माधवानंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ईश्वरीय संदेश मान कर धीरता का परिचय दें। महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। हिदू व मुस्लिम समाज दोनों ही ईश्वर पर विश्वास रखकर कोर्ट के फैसले का सम्मान करें। इसी में समाज व देश का भला है।