ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पदाधिकारी के कार्य से समिति असंतुष्ट
रांची राज्य में अधिसंख्य ट्रैफिक पोस्ट इंटरसेप्टर व हाइवे पेट्रोल वाहन में तैनात एएसआइ स्तर के पदाधिकारियों के कार्य से राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंध समिति असंतुष्ट है। समिति को यह जानकारी मिली कि राज्य के नौ जिले यातायात जिले के रूप में घोषित हैं। इनमें रांची जमशेदपुर धनबाद बोकारो हजारीबाग देवघर सरायकेला दुमका पलामू शामिल हैं।
रांची : राज्य में अधिसंख्य ट्रैफिक पोस्ट, इंटरसेप्टर व हाइवे पेट्रोल वाहन में तैनात एएसआइ स्तर के पदाधिकारियों के कार्य से राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंध समिति असंतुष्ट है। समिति को यह जानकारी मिली कि राज्य के नौ जिले यातायात जिले के रूप में घोषित हैं। इनमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, देवघर, सरायकेला, दुमका, पलामू शामिल हैं। यहां पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआइ) व इससे उपर के अधिकारियों को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 200 के तहत कार्रवाई की शक्ति मिली हुई है। राज्य के सभी इंटरसेप्टर, हाइवे पेट्रोल वाहन व पीसीआर वाहन में घूम रहे एएसआइ को यातायात नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की शक्ति के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। नतीजा सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है। यहां तैनात एएसआइ का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है।
सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए जरूरी कार्रवाई जैसे ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने, बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाने, ओवरलोडिंग, तेज रफ्तार, नशे में वाहन चलाने, ड्राइविंग के वक्त मोबाइल फोन के उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई का आदेश था, जो नहीं दिख रहा है। जरूरत होने पर ऐसे एएसआइ का प्रशिक्षण करवाया जाएगा। इन्हें निर्देशित किया गया है कि वे सड़क दुर्घटना रोकने की दिशा में ठोस कार्रवाई करें।
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सभी यातयात पोस्ट पर दिए जाएंगे नए फर्स्ट एड किट :
डीजीपी एमवी राव ने राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबंध समिति को जानकारी दी है कि सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति में प्राथमिक उपचार के लिए पुलिस को स्वास्थ्य विभाग ने फर्स्ट एड किट दिया था। किट के पुराने हो गए हैं, इन्हें बदलने की जरूरत है। सभी यातायात पोस्ट पर नए फर्स्ट एड किट दिए जाएंगे। वहां के पुलिस पदाधिकारियों को प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि दुर्घटना होने पर जख्मी को अस्पताल पहुंचाने के पूर्व यातायात पुलिस उनका प्राथमिक उपचार कर सके।
--------------- गृह रक्षकों की ड्यूटी बांटने में मांगी रिश्वत तो करतूत सीसीटीवी कैमरे में होगी रिकार्ड
रांची : गृह रक्षकों की ड्यूटी बांटने में अगर रिश्वत मांगी गई या ली गई, तो ऐसा कार्य करने वाले पदाधिकारी की करतूत सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो जाएगी। पुलिस मुख्यालय को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डीजीपी एमवी राव ने सभी जिला होमगार्ड कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा (ऑडियो रिकार्डिग सहित) लगाने का आदेश दिया है।
सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को दिए आदेश में डीजीपी ने लिखा है कि जिलों में प्रतिनियुक्त गृह रक्षकों ने पदाधिकारियों पर रिश्वत लेकर ड्यूटी देने, दुर्व्यवहार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। एसएसपी-एसपी को सभी जिला होमगार्ड कार्यालयों के प्रमुख स्थल जैसे प्रवेश द्वार, समादेष्टा, कंपनी कमांडर के कार्यालय कक्ष, कार्यालय कर्मी के कक्ष में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया गया है। कैमरे की रिकार्डिग तीन महीने तक सुरक्षित रहेगी। ड्यूटी या अन्य कार्यो से आए गृह रक्षकों से सीसीटीवी लगे स्थलों पर ही बातचीत होगी। डीजीपी ने सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को सीसीटीवी कैमरे लगाने में आने वाली लागत का प्राक्कलन तैयार कर शीघ्र देने को कहा है, ताकि राशि आवंटित कराने की दिशा में कार्रवाई की जा सके।
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