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RIMS Hospital Coronavirus Case: आखिरकार रिम्स पहुंच ही गया कोरोना, पॉजिटिव मिले टेक्निशियन ने जिद कर कराई थी जांच

RIMS Hospital Coronavirus Case पॉजिटिव केस के बाद माइक्रोबायोलॉजी समेत पूरे अस्पताल के कर्मी सशंकित हैं। अधिकतर स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी कोरोना जांच के लिए अपना सैंपल देने पर अड़े रहे।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 12:19 AM (IST)
RIMS Hospital Coronavirus Case: आखिरकार रिम्स पहुंच ही गया कोरोना, पॉजिटिव मिले टेक्निशियन ने जिद कर कराई थी जांच
RIMS Hospital Coronavirus Case: आखिरकार रिम्स पहुंच ही गया कोरोना, पॉजिटिव मिले टेक्निशियन ने जिद कर कराई थी जांच

रांची, जासं। RIMS Hospital Coronavirus Case News Update झारखंड में महामारी की तरह फैलते जा रहे कोरोना वायरस ने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल और राज्य के ही एकीकृत कोरोना सेंटर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। राजधानी रांची के सदर अस्पताल के बाद गुरुवार को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के ही एक 44 वर्षीय कर्मचारी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। कर्मचारी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बतौर लैब टेक्नीशियन कार्यरत था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद माइक्रोबायोलॉजी विभाग समेत पूरे अस्पताल के कर्मी सशंकित हैैं। गुरुवार देर रात तक दूसरे विभागों के कर्मचारी भी जांच के लिए अपना सैंपल देने के लिए अड़े रहे।

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जानकारी के अनुसार 44 वर्षीय युवक ने बुधवार को विभाग के एचओडी समेत अन्य स्टाफ के मना करने के बाद भी जिद कर अपना सैंपल जांच के लिए दिया था। युवक के साथ तीन अन्य टेक्नीशियन की जांच हुई थी, जिनका रिपोर्ट नेगेटिव है। बीते 15 दिनों से इसकी ड्यूटी सैंपल कलेक्शन में लगाई गई थी। सैंपल कलेक्शन के दौरान टेक्नीशियन को संदिग्ध या संक्रमित मरीज का स्वाब और ब्लड सैंपल लेने के लिए डायरेक्ट रूप से उनके संपर्क में जाना होता है। आशंका जताई जा रही है कि सैंपल कलेक्शन के दौरान ही संक्रमण किसी तरह इस तक पहुंचा होगा। हालांकि रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि सैंपल कलेक्शन से लेकर जांच और स्क्रीनिंग पूरे प्रोसेस के दौरान सभी फुल पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट से लैस रहते हैं। इसके बावजूद संक्रमण फैलना समझ से परे है।

माइक्रोबायोलॉजी के सभी स्टाफ के सैंपलों की होगी जांच

रिम्स के जिस विभाग में कोरोना के सैंपलों की जांच होती है, उसी विभाग में वहीं के कर्मचारियों की जांच की जाएगी। रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारी में संक्रमण की पुष्टि के बाद पूरा रिम्स प्रबंधन फुल एक्टिव मूड में है। माइक्रोबायोलॉजी लैब में चूंकि रांची समेत अलग-अलग जगह के सैंपलों की जांच होती है। ऐसे में इसे बंद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे विभाग को शुक्रवार को सेनिटाइज कराया जाएगा। साथ ही सभी कॢमयों के सैंपल की जांच होगी।

लैब बंद करने पर आइसीएमआर से परामर्श लेगा रिम्स

रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह ने कहा कि लैब बंद करने या उसी में किस तरह काम लिया जा सके, इसके लिए शुक्रवार को प्रबंधन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से परामर्श लेगा। परामर्श लेने के बाद ही लैब के संचालन या उसके बदले वैकल्पिक व्यवस्था करने कर प्रबंधन विचार करेगा।

पीपीई किट पर भी उठ सकते हैं सवाल

मरीजों का कोरोना सैंपल लेने के दौरान टेक्नीशियन फुल पीपीई किट से लैस रहते हैं। इसके बावजूद संक्रमण का फैलना किट की क्वालिटी पर भी कहीं न कहीं सवाल खड़ा कर रहा है। यह भी हो सकता है कि सैंपल कलेक्शन के दौरान युवक की ही लापरवाही रही होगी या उसने पूरे किट का इस्तेमाल नहीं किया होगा।

रिम्स में कहां-कहां संक्रमण का खतरा

कोरोना संक्रमित युवक रिम्स के ही एनाटॉमी विभाग में पदस्थापित था। 17 अप्रैल को उसे एनाटॉमी विभाग से माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजा गया था। इसके साथ कुल 13 टेक्नीशियनों की पदस्थापना हुई थी। इसके अलावा संक्रमित युवक लगातार सेंट्रल लैब जाया करता था। साथ ही कोविड सेंटर और आइसोलेशन वार्ड भी सैंपल लेने के लिए उसका आना-जाना होता था।


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