RIMS Governing Body Decision: रिम्स के डाक्टरों की जासूसी करेंगे गुप्तचर, गरीबों का पांच लाख का इलाज मुफ्त
Jharkhand News RIMS GB Decision Hindi News रिम्स की गवर्निंग बाडी की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सांसद संजय सेठ आदि मौजूद रहे। रिम्स शासी परिषद की 52वीं बैठक में सोमवार को कुल 20 एजेंडे पर सहमति बनी।
रांची, जासं। रांची के रिम्स अस्पताल में अब ऐसे मरीजों को पांच लाख तक की इलाज की सुविधा मिलेगी, जिनके पास कोई सरकारी सहायता नहीं होगी और जो किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा रहे होंगे। साथ ही रिम्स से नन प्रैक्टिस अलाउंस एनपीए लेकर निजी प्रैक्टिस करने वाले डाक्टरों पर नकेल कसने के लिए प्राइवेट डिटेक्टिव गुप्तचर एजेंसी का चयन किया जाएगा। वे ऐसे डाक्टरों की जासूसी करेंगे और उनकी रिपोर्ट प्रबंधन को सौंपेंगे। इसके बाद साक्ष्य के आधार पर उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
यह निर्णय कोरोना के बाद सोमवार को रिम्स शासी परिषद Governing Body की 52वीं बैठक में लिया गया। इस बैठक में कुल 20 एजेंडे पर सहमति बनी। मालूम हो कि दैनिक जागरण अखबार में इन फैसलों की खबर पहले ही प्रमुखता के साथ छापी गई थी। इस पर रिम्स शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुहर लगाई। शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद संजय सेठ, विधायक समरी लाल, प्रधान सचिव अरुण सिंह, रिम्स निदेशक डा. कामेश्वर प्रसाद सहित अन्य गण्यमान्य मौजूद थे।
इसके अलावा जो सबसे अहम फैसला लिया गया है, उसके अनुसार अब रिम्स के सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, प्रोफेसर का कार्यकाल तीन वर्ष का ही होगा। रोटेशन के अनुसार इनका कार्यकाल बदला जाएगा। वरीयता के अनुसार डाक्टरों को विभागाध्यक्षों का प्रभार दिया जाएगा। मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि दूसरे सरकारी संस्थानों की तरह ही इन विभागाध्यक्षों का भी कार्यकाल रांची विवि के मानकों के अनुरूप होगा। अभी तक यहां पर एक ही विभागाध्यक्ष अपने सेवानिवृत्ति तक जमे रहते हैं या जब तक वे किसी कारण से पदभार छोड़ ना दें।
1300 करोड़ से होगा रिम्स का कायाकल्प
रिम्स को बेहतर बनाने की दिशा में 1300 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया गया है। इसके तहत रिम्स में 40 हजार वर्गफीट पर पांच तल्ला तक ओपीडी का नया भवन बनाया जाएगा। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का विस्तार कर 700 बेड तक बढ़ाया जाएगा। इसमें मातृ-शिशु के लिए 300 बेड लगाए जाएंगे। पुराने भवन के जीर्णोद्धार पर भी राशि खर्च की जाएगी। बन्ना गुप्ता ने बताया कि इन सभी निर्णय को अब कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। साथ ही क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के निर्माण के लिए री-टेंडर निकाला जाएगा। अभी तक नेत्र संस्थान के भवन निर्माण में 54.17 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
75 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को किया जाएगा समायोजित
रिम्स में 10 वर्ष से अधिक समय तक काम कर चुके चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को नियमानुसार समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने बताया कि रिम्स में ऐसे करीब 75 कर्मी हैं, जिन्हें इस फैसले का लाभ मिलेगा। इस बार की बैठक में किसी भी नियुक्ति को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है। लेकिन विभिन्न बहालियों को लेकर बैठक में चर्चा जरूर की गई है। हालांकि सीटीवीएस विभाग के लिए सह प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए तैयार मेधा सूची के आधार पर रिजल्ट जल्द प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है।
सांसद ने जासूसी कराने का किया विरोध
रिम्स शासी परिषद की बैठक में सांसद संजय सेठ ने डाक्टरों की जासूसी कराने वाले एजेंडे का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि डाक्टर के पीछे डिटेक्टिव एजेंसी को लगाना किसी भी स्तर से सही नहीं है। डाक्टर एजुकेटेड होते हैं और उनकी इस तरह से जासूसी कहीं नहीं की जाती है। यह सोचना ही गलत है। संस्थान को चाहिए कि डाक्टरों से प्यार से बात करें, उन्हें हर सुविधा मुहैया कराई जाए, ताकि वे निजी प्रैक्टिस करें ही नहीं। उन्होंने कहा कि वे इस तरह के फैसले का कभी साथ नहीं देंगे।
जीबी के ये हैं निर्णय
-रिम्स के विभागाध्यक्षों का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा
-40 हजार वर्गफीट में पांच तल्ला तक रिम्स में ओपीडी का नया भवन बनाया जाएगा
-क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के निर्माण के लिए री-टेंडर किया जाएगा
-मातृ-शिशु के लिए 300 बेड लगाए जाएंगे
-पुराने भवनों के जीर्णोद्धार के लिए भी राशि खर्च की जाएगी
-सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का विस्तार कर 700 बेड किया जाएगा
-रिम्स में 10 वर्ष से अधिक समय तक काम कर चुके चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा।