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HC में पेश हुए RIMS निदेशक, कहा-सरकार का साथ मिले तो 2 साल में रुक जाएगी प्राइवेट प्रैक्टिस

रिम्‍स के डॉक्‍टरों की निजी प्रैक्टिस रोकने और यहां चिकित्‍सकीय हालात को सुधारने को लेकर रिम्स निदेशक ने विस्‍तार से उच्‍च न्‍यायालय में अपना पक्ष रखा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 09:11 AM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 04:16 PM (IST)
HC में पेश हुए RIMS निदेशक, कहा-सरकार का साथ मिले तो 2 साल में रुक जाएगी प्राइवेट प्रैक्टिस
HC में पेश हुए RIMS निदेशक, कहा-सरकार का साथ मिले तो 2 साल में रुक जाएगी प्राइवेट प्रैक्टिस

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड के सबसे बड़े अस्‍पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान (रिम्स) की लचर व्यवस्था को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। रिम्‍स के डॉक्‍टरों की निजी प्रैक्टिस रोकने और यहां चिकित्‍सकीय हालात को सुधारने को लेकर रिम्स निदेशक ने कहा कि सरकार का साथ मिले तो वे लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर विजिलेंस विंग स्‍थापित कर 2 साल में प्राइवेट प्रैक्टिस पर पूरी तरह रोक लगाने में कामयाब होंगे।

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इस मामले में कोर्ट में हाजिर होकर निदेशक ने कोर्ट की ओर से पूछे गए सवालों का विस्‍तार से जवाब दिया। निदेशक ने कहा कि रिम्‍स की लचर हालत को सुधारने के लिए अविलंब नर्सों की नियुक्ति की जरूरत है। अब इस मामले में सरकार की स्‍थानीय नीति के कारण बहाली नहीं हो पा रही। रिम्‍स के निदेशक ने अदालत को बताया कि दवा दुकानों में अधिक पैसे वसूले जाने की शिकायत पर कड़ाई से रोक लगाने के उपाय किए जा रहे हैं।

अब यहां एक ऐसा साॅफ्टवेयर प्रयोग में लाया जाएगा कि डॉक्‍टर की पर्ची ऑनलाइन अपलोड होकर सीधे दवा दुकानों में पहुंच जाएंगे। जिसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। इससे दवा दुकान वाले अधिक पैसे नहीं वसूल पाएंगे। इस मामले में सरकार की ओर से भी पक्ष रखा गया है। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले में कोई सख्‍त फैसला सुना सकता है।


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