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15 वर्ष की तपस्या का मिला इनाम : नदीम

झारखंड के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम का वनवास आज समाप्त हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 04:12 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:21 AM (IST)
15 वर्ष की तपस्या का मिला इनाम : नदीम
15 वर्ष की तपस्या का मिला इनाम : नदीम

संजीव रंजन, रांची

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झारखंड के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम का वनवास आज समाप्त हुआ। 16 वर्ष की उम्र में 14 वर्ष पहले नदीम ने जो क्रिकेट यात्रा शुरू की थी उसका इनाम उसे मिला। लगातार दो साल प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 50 से अधिक विकेट लेने वाले नदीम के जीवन का सबसे बड़ा बड़ा सपना देश के लिए खेलना आज पूरा हुआ। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रांची में शनिवार से शुरू होने वाले टेस्ट मैच के लिए इस प्रतिभावान स्पिन गेंदबाज को टीम में शामिल किया गया।

जिस समय नदीम को यह सूचना मिली वह कोलकाता में थे। चूंकि यह सूचना उन्हें रात में मिली इसलिए वे कार से ही रांची के लिए निकल पड़े। दैनिक जागरण से बातचीत के क्रम में नदीम ने कहा, मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना आज पूरा हुआ। मैं शुरू से ही देश के लिए खेलना चाहता था। इसके लिए लगातार प्रयास भी कर रहा था लेकिन मौका नहीं मिला। आज जब मुझे यह सूचना मिली तो कुछ क्षण के लिए तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। लेकिन बीसीसीआइ से जानकारी मिलने के बाद मैं रांची की ओर निकल गया। मेरा व मेरे परिवार का सपना पूरा होने पर मैं खुश हूं। घर में खेलने का मिलेगा लाभ नदीम ने कहा, तीसरे टेस्ट में मुझे मौका मिलेगा या नहीं यह मैं नहीं जानता, अगर मुझे मौका मिला तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। मैं खुदकिस्मत हूं कि मुझे अपने घर में खेलने का मौका मिल रहा है। इसलिए मुझ पर कोई दबाव नहीं है। जाना पहचाना मैदान व पिच व अपने लोगों के बीच खेलना मेरे लिए सुखद अनुभूति होगी। मैं कभी निराश नहीं हुआ

घरेलू क्रिकेट में लगातार विकेट लेने के बावजूद भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाने का मलाल तो होता था लेकिन मैं कभी निराश नहीं हुआ। मुझे लगता था कि मेरे में अभी कुछ कमी है जिस कारण में नेशनल टीम में शामिल नहीं हो पा रहा हूं। इसके बाद मैं और जमकर अभ्यास करता और मैच दर मैच बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करता। रणजी मैच हो या भारतीय ए टीम का मैच मैं सबमें कुछ अलग करने का प्रयास करता जिसका लाभ मुझे मिलता और मैं विकेट लेने में सफल रहा। धौनी भाई ने मुझे मोटिवेट किया भले ही धौनी भाई की कप्तानी में मैंने अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला लेकिन रणजी ट्रॉफी में हमने कई मैच साथ खेले। मैं जब भी गेंदबाजी करता तब धौनी भाई कुछ ना कुछ बताते। ओवर के बाद भी मेरी गलतियों के संबंध में बता कर सही करने को कहते थे। धौनी भाई की कप्तानी में अगर टेस्ट खेलता तो मेरे लिए एक और उपलब्धि होती। लेकिन अब जब मुझे टीम में चुन लिया गया है और मुझे कल मौका मिला तो मैं टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करूंगा। अपेक्षाओं के दबाव में नहीं आउंगा

नदीम ने कहा मैं जानता हूं कि टीम इंडिया में जगह बनाना कितना मुश्किल है। टीम में आने के लिए कड़ी स्पर्धा चल रही है। घरेलू क्रिकेट में विकेट लेने के बाद मुझसे अपेक्षा भी होगी लेकिन मैं इसके दबाव में नहीं आउंगा। विकेट मिले या ना मिले मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा।


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