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रिटायर्ड दारोगा कर रहे थे मालखाने की ड्यूटी, तत्कालीन थानेदार सस्पेंड

कोतवाली थाने का मालखाना लंबे समय से विवादों में रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 02:40 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 06:19 AM (IST)
रिटायर्ड दारोगा कर रहे थे मालखाने की ड्यूटी, तत्कालीन थानेदार सस्पेंड

जागरण संवाददाता, रांची :

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कोतवाली थाने का मालखाना लंबे समय से विवादों में रहा है। इस थाने के मालखाने का चार्ज लेना कोई नहीं चाहता। मालखाने का चार्ज पिछले दस साल से एक दारोगा राम बाबू शर्मा के के पास है। जून 2015 में वे रिटायर तो हो गए, लेकिन इसके बाद भी हर दिन ड्यूटी के लिए थाना पहुंचते हैं। इसकी जानकारी आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह को मिली, तो कोतवाली थाने के तत्कालीन थानेदार श्यामानंद मंडल को सस्पेंड कर दिया। वे फिलहाल गुमला जिले के चैनपुर सर्किल इंस्पेक्टर के रूप में पोस्टेड हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश भी दिया गया है।

रिटायर्ड दारोगा राम बाबू शर्मा के चार्ज को सेवा में रहते हुए वर्ष 2010 में ही मालखाने का चार्ज दिया गया था। उन्होंने कोतवाली में पोस्टेड एएसआइ राम राज सिंह से चार्ज लिया था। इनके बाद जो भी थानेदार आए, उनसे मालखाने का चार्ज लेने की जहमत नहीं उठाई। तब से लेकर आज तक कोतवाली का मालाखाना राम बाबू शर्मा के ही जिम्मे रहा। ऐसे पकड़ में आया मामला :

बीते सोमवार को आइजी नवीन कुमार सिंह कोतवाली डीएसपी कार्यालय में समीक्षा करने पहुंचे थे। इस बीच वे कोतवाली डीएसपी कार्यालय से सटे मालखाना में घुस गए। वहां देखा कि रिटायर्ड दारोगा रामबाबू शर्मा बैठे हैं। इस पर आइजी ने रिटायर्ड दारोगा से पूछ लिया कि यहां तुम क्या कर रहे हो। इसपर उन्होंने बताया कि मालखाने का चार्ज उन्हीं के जिम्मे है। उनसे कोई चार्ज नहीं ले रहा है। इसके बाद आइजी ने मालखाने की पूरी फाइल मंगवाई। इसके बाद देखा कि कोतवाली के तत्कालीन थानेदार ने मालखाने का चार्ज लेने और वर्तमान थानेदार को चार्ज नहीं देने के बावजूद एनओसी देकर गुमला में ज्वाइन कर लिया। यह लापरवाही पकड़ में आने के बाद आइजी ने थानेदार को सस्पेंड करने का आदेश दिया है।

मालखाना के लिए कर चुके हैं चार पत्राचार

रिटायर्ड दारोगा राम बाबू शर्मा मालखाने का चार्ज देने के लिए सिटी एसपी, डीआइजी व आइजी को चार बार पत्राचार कर चुके थे। लेकिन, उनसे कोई मालखाने का चार्ज नहीं लेना चाहता। उनके चार्ज देने के समय तत्कालीन थानेदार अनिल शंकर थे। उनके जाने के बाद कई थानेदार बदले, लेकिन चार्ज नहीं लिया।


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