Move to Jagran APP

अपील पर पुनर्विचार करने का हवाला देकर याचिका वापस लेने की लगाई गुहार

झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 08:30 AM (IST)
अपील पर पुनर्विचार करने का हवाला देकर याचिका वापस लेने की लगाई गुहार

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील को वापस लेने के निर्णय के पीछे काफी विवाद होना कहा गया है। हाई कोर्ट में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि यह मामला काफी विवादित है। ऐसे में जेपीएससी एक बार फिर से इस मामले में अपील दाखिल करने को लेकर पुनर्विचार करना चाहती है। अधिकारियों से चर्चा करने के बाद इसका निर्णय लिया जाएगा कि एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की जाए या फिर नहीं। इसलिए इस समय अपील को वापस लेने की अनुमति प्रदान की जाए। हालांकि अब सब कुछ झारखंड हाई कोर्ट पर निर्भर करता है। क्योंकि इस मामले में सुनवाई के बाद ही जेपीएससी की याचिका वापस हो सकती है। ऐसे में जेपीएससी के लिए आसान नहीं होगा कोर्ट को याचिका वापस लेने की वजह से संतुष्ट करना। अदालत इस मामले में कई सवाल उठा सकती है। अभी तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपील नहीं दाखिल किए जाने से सवाल उठ रहे थे कि केवल इस मामले में जेपीएससी ही खंडपीठ में अपील क्यों किया है। बहरहाल अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य सरकार महाधिवक्ता की राय के आधार पर इस मामले में एकल पीठ के आदेश पर अमल करने को तैयार है और कोर्ट के निर्देशानुसार संशोधित रिजल्ट भी प्रकाशित किया जाएगा। ऐसा करने पर करीब सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। इसके बाद नौकरी से निकाले गए अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की जाएंगी और यह मामला लंबा खिचेगा। इधर, हाई कोर्ट की ओर से दिए गए निर्धारित समय पर संशोधित रिजल्ट जारी नहीं होने पर अवमानना की याचिका भी दाखिल की जा सकती है। बता दें कि इस मामले में सात जून को एकल पीठ ने जेपीएससी की ओर से जारी मेरिट लिस्ट को रद कर दिया था। अदालत ने माना कि जेपीएससी की ओर विज्ञापन जारी करने के बाद उसमें किसी प्रकार का बदलाव करने का अधिकार नहीं है। वहीं, विज्ञापन की शर्तों के तहत पेपर वन (हिदी और अंग्रेजी) में क्वालिफाइंग मा‌र्क्स को कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना भी सही नहीं है। इसी आधार पर कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद करते हुए आठ सप्ताह में संशोधित रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि इस मामले में दोषी जेपीएससी के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लेकिन जेपीएससी ने अपने बचाव में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ 31 जुलाई को खंडपीठ में याचिका दाखिल कर दी। बता दें कि इस मामले में करीब सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जा चुकी है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.