जानिए, गणतंत्र दिवस पर क्यों सम्मानित किए गए शोध कार्य से जुड़े तीन डाक्टर
Republic Day Celebration रिम्स में गणतंत्र दिवस पर आयोजित झंडा तोलन झंडोत्तोलन के बाद निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने उन सभी को राशि के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डॉ ने कहा शोध को बढ़ावा देने का काम शुरू किया गया।
रांची, जागरण संवाददाता Republic Day Celebration : शोध के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले तीन डॉक्टरों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया गया। इसमें पहले स्थान पर क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉक्टर जयप्रकाश दूसरे स्थान पर न्यू नेटल विभाग के डॉ रामेश्वर प्रसाद और तीसरे स्थान पर डेंटल कि अर्पिता राय शामिल है। पहले पुरस्कार के रुप में 50,000 दूसरे पुरस्कार के रूप में 25,000 और तीसरे पुरस्कार में 10,000 की राशि देकर सम्मानित किया गया।
रिम्स में गणतंत्र दिवस पर आयोजित झंडा तोलन झंडोत्तोलन के बाद निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने उन सभी को राशि के साथ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
बेहतरीन काम करने के लिए किया जा रहा है सम्मानित
उन्होंने कहा कि शोध के क्षेत्र में गेम्स को देश की अग्रणी संस्थानों में शामिल करने का लक्ष्य है इसके लिए शोध को बढ़ावा देने का काम शुरू किया गया। इसी किताब इन तीनों विजेताओं को डॉक्टरों को शोध में बेहतरीन काम करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है। मालूम हो कि इंदौर के शोध पत्र को अमेरिकन जर्नल में प्रकाशित किया गया है जिससे रिम्स रांची में हुए शोध के बारे में आज पूरा विश्व जान रहे हैं शोध में कोरोना संबंधी नई बातें को बताया गया था।
पहले स्थान प्राप्त करने वाले डॉ जयप्रकाश ने बताया कि यह शोध मेटा कोविड मरीजों के मेटा एनालिसिस पर आधारित था जिसमें देखा गया था की मरीज हूं को कब वेंटिलेटर की आवश्यकता है या किस स्टेट में वेंटिलेटर की जरूरत हो सकती है।
क्या था शोध, जानें
इस शोध में पाया गया था कि कोरोना वैक्सीन लेने वालों को तीसरी लहर में गंभीर संक्रमण होने की संभावना कम हो सकती है। यह शोध देश के चार मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर किया गया था। शोध करीब 1500 वैसे मरीजों पर किया गया था।इसमें देखा गया था कि जिन्होंने कोविड वैक्सीन लिया था और उसके बाद संक्रमित हुए या दूसरी बीमारी से ग्रस्त हुए, ऐसे मरीजों में कोरोना के गंभीर परिणाम नहीं मिले थे। जबकि जिन मरीजों ने वैक्सीन नहीं ली और बीमार हुए उनमें बीमारी की गंभीरता अधिक देखी जा रही है। यह शोध रिम्स के नेतृत्व में पिछले छह माह से की जा रही है, जिसमें देश के अन्य चार प्रमुख मेडिकल संस्थानों को भी रखा गया है। इनमें रिम्स सहित बेंग्लुरू के संतजान मेडिकल कॉलेज, हैदराबाद के यशोदा अस्पताल और पटना के आईजीएमएस अस्पताल को शामिल किया गया है। इस स्टडी में रिम्स से चार डाक्टरों की टीम शामिल थे, इनमें डा जय प्रकाश, डा मो सैफ खान, डा सृष्टि किन्डे और डा रमन कुमार शामिल थे।