आरडीसीए की मनमानी, बाहरी को खिलाया; टीम में शामिल खिलाड़ी से ढुलवाया पानी
संजीव रंजन, रांची। रांची जिला क्रिकेट संघ (आरडीसीए) के पदाधिकारियों का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार अंडर-14 टीम में पदाधिकारियों ने अपनी दादागीरी दिखाई। चयनकर्ताओं ने टीम से बाहर के खिलाड़ी को न सिर्फ मैच में शामिल किया बल्कि सेमीफाइनल जैसे मैच में उसे अंतिम ग्यारह में स्थान भी दे दिया।
संजीव रंजन, रांची। रांची जिला क्रिकेट संघ (आरडीसीए) के पदाधिकारियों का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार अंडर-14 टीम में पदाधिकारियों ने अपनी दादागीरी दिखाई। चयनकर्ताओं ने टीम से बाहर के खिलाड़ी को न सिर्फ मैच में शामिल किया बल्कि सेमीफाइनल जैसे मैच में उसे अंतिम ग्यारह में स्थान भी दे दिया। टीम में जिन खिलाड़ियों का चयन हुआ था वह बाहरी खिलाड़ियों के लिए मैच में पानी ढोते रहे। संघ के पदाधिकारियों की इसी तरह की कारगुजारियों का परिणाम है कि रांची की टीम इस बार विभिन्न टूर्नामेंटों में फिसड्डी साबित हुई।
स्टैंड बाई में भी नहीं था :
संघ के पदाधिकारियों ने जिस खिलाड़ी को नियम विरुद्ध व चयनसमिति को अंधेरे में रख टीम में शामिल किया उस खिलाड़ी को चयनकर्ताओं ने स्टैंड बाई में भी नहीं रखा था। लेकिन संघ के पदाधिकारियों ने चयनसमिति द्वारा सौंपी गई सूची को दरकिनार कर नए खिलाड़ी को टीम में शामिल कर लिया। अंडर-14 के चयनकर्ताओं ने मुख्य टीम में 15 व छह स्टैंडबाई खिलाड़ियों का चयन किया था। मुख्य टीम में चयनित एक खिलाड़ी ओवरएज पाये जाने के बाद स्टैंडबाई के एक खिलाड़ी को टीम में शामिल किया गया। अंतर जिला अंडर-14 क्रिकेट में क्वार्टर फाइनल तक सब ठीक चला। इसके बाद धनबाद के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उक्त खिलाड़ी को टीम में शामिल कर लिया गया। टीम में चयन करने के पीछे यह तर्क दिया गया कि उसने स्कूल लीग में शतक जड़ा है इसलिए उसे अंतिम ग्यारह मे जगह दी गई। लेकिन अफसोस वह खिलाड़ी उस मैच में फ्लॉप रहा।
चेयरमैन से भी नहीं ली राय :
टीम के बाहर के खिलाड़ी को अंतिम ग्यारह में शामिल कर लिया गया लेकिन इसकी सूचना तक चयनसमिति के चेयरमैन व सदस्यों तक को नहीं दी गई। संघ के पदाधिकारियों ने अपनी दबंगई दिखाते हुए टीम में फेरबदल कर दिया। आरडीसीए की मनमानी के कारण रांची की टीम टूर्नामेंटों में बुरी तरह पराजित हुई है जबकि रांची की टीम कई बार राज्य की चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर चुकी है। कोट
टीम में बाहर के खिलाड़ी को शामिल करने की सूचना मुझे भी मिली है। मुझसे इस संदर्भ में किसी ने बात नहीं की। अगर वे बात भी करते तो मैं उनके निर्णय से सहमत नहीं होता क्योंकि यह सरासर गलत है। चयनसमिति का चेयरमैन होने के नाते हमलोगों ने टीम का चयन कर दे दिया था। उसी टीम को खेलाना चाहिए था। ऐसा कर संघ ने प्रतिभावान खिलाड़ियों के साथ अन्याय किया है।
-जय कुमार सिन्हा, चयनसमिति, अंडर-14 के चेयरमैन।