RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बोले- हिंदू समाज को तोड़ने की चल रही है साजिश, कहीं मतांतरण तो कहीं राष्ट्र भक्त संगठनों पर हो रहे हैं हमले
RSS News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हिंदू समाज को तोड़ने की साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि कहीं मतांतरण का सहारा लिया जा रहा तो कहीं राष्ट्र भक्त संगठनों पर हमले हो रहे हैं।
रांची, [संजय कुमार]। RSS News राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आज समाज जागृत हो रहा है तो विश्व में हम अपनी ताकत दिखा पा रहे हैं। केंद्र की सरकार अनसुलझे समस्याओं को सुलझाने में लगी है, परंतु देश के अंदर कुछ शक्तियां ऐसी है जो हिंदू समाज को कमजोर करने के लिए तोड़ने में लगा है। वैसी शक्तियों को बाहर से भी समर्थन मिल रहा है। उन्हें लगता है कि भारत तो अब टूटेगा नहीं, इसलिए हिंदू समाज को ही कमजोर करो। इसके लिए कहीं मतांतरण का सहारा लेकर हिंदू समाज को कमजोर किया जा रहा है तो कहीं मनोबल तोड़ने के लिए हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। कहीं कहीं राष्ट्रभक्त संगठनों पर हमले किए जा रहे हैं। तो जात पात के नाम पर भी तोड़ा जा रहा है। इसलिए इनसे बचते हुए हमें अपना काम करना है और भारत को परम वैभव पर ले जाना है।
ऐसा भारत बनना है जो विश्व के श्रेष्ठ राष्ट्रों में से एक हो
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना के 100 वर्ष तो 2025 में पूरे हो रहे हैं लेकिन हमें भारत की स्वाधीनता के 100 वर्ष को ध्यान में रखकर काम करना है। हमें ऐसा भारत बनना है जो विश्व के श्रेष्ठ राष्ट्रों में से एक हो। भारत के हर घर में खुशहाली हो, देश के सभी व्यक्ति का सम्मान हो और विश्व की समस्याओं का समाधान करने की हममें क्षमता हो।
आज विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है
उन्होंने कहा कि आज विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। हमें अपनी शक्ति को पहचानते हुए काम करना है। हमने कोरोना काल में विश्व को अपनी शक्ति की पहचान कराया था तो संकट में घिरे श्रीलंका को मदद कर मानवता का परिचय दिया। यूक्रेन में युद्ध के दौरान भारत के साथ साथ दूसरे देशों के लोगों को भी निकालने में मदद किया। वे बुधवार को रांची महानगर के एकत्रीकरण में आरएसएस स्वयंसेवकों व कार्यक्रम में शामिल शहर के लोगों को संबोधित कर रहे थे।
झमाझम बारिश के बीच हुआ कार्यक्रम
झमाझम बारिश के बाद भी कार्यक्रम को स्थगित नहीं किया गया और पूर्व निर्धारित समय से कार्यक्रम हुए। सरकार्यवाह ने अपने एक घंटे के संबोधन में संघ की स्थापना के कारणों से लेकर देश की वर्तमान परिस्थिति, भविष्य का भारत, समाज की स्थिति, संघ से अपेक्षा, सामाजिक समरसता और हिंदूत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने अपने संबोधन में देश को तोड़ने वाली शक्तियां, टुकड़े टुकड़े गैंग, मतांतरण, भारत को तोड़ने के लिए हिंसा का सहारा लेने वाले गैंगों पर भी प्रहार किया। उन्होंने केंद्र सरकार की भी तारीफ की। कहा, कश्मीर से धारा 370 हटाने की मानसिकता वाले जब दिल्ली में बैठे और समाज उनके साथ खड़ा हुआ तो हम सफल हुए। दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को आगे ले जाने के लिए गुलामी की मानसिकता को छोड़कर स्वदेशी भाव को आगे बढ़ाने के लिए काम करना होगा। स्थानीय भाषा, स्थानीय उत्पादों को अपनाना होगा।
निस्वार्थ भाव से काम करना है
उन्होंने कहा कि हम सभी स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से काम करते हैं। हम देश सेवा के लिए काम करने का भाव लेकर आए हैं। समाज में हमें सुनना भी पड़ता है कि यह काम कर रहे हो तो तुझको क्या मिल रहा है, लेकिन हम भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे लाखों लोगों ने अपने बलिदान दिए उन्हें क्या मिला था। देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखे के भाव लेकर हमें काम करना है । और संघ के स्वयंसेवक इसी भाव को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। चुनौतियां सब प्रकार की आती है। हमें उन चुनौतियों को पार करते हुए आगे बढ़ना है। संघ की स्थापना डा केशव बलिराम हेडगेवार ने जब की तो उनके सामने भी चुनौतियां आई थी। उन्होंने सोचा कि भारत तो स्वतंत्र हो जाएगा लेकिन गुलामी के कारणों पर जब तक हम प्रहार नहीं करेंगे तब तक भारत पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं होगा और इन्हीं विचारों को लेकर उन्होंने 1925 में संघ की स्थापना की थी।