Move to Jagran APP

RSS: संघ की कुटुंब शाखा में शामिल होंगे 50 लाख परिवार, आरएसएस के इतिहास में पहली बार

आरएसएस सरकार्रवाह भय्याजी जोशी ने अब पूरे देश में एक साथ 19 अप्रैल की शाम अपने-अपने घरों में संघ की प्रार्थना करने का आह्वान किया है। इसके लिए 5.30 बजे शाम का समय तय किया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 18 Apr 2020 07:40 AM (IST)
RSS: संघ की कुटुंब शाखा में शामिल होंगे 50 लाख परिवार, आरएसएस के इतिहास में पहली बार
RSS: संघ की कुटुंब शाखा में शामिल होंगे 50 लाख परिवार, आरएसएस के इतिहास में पहली बार

रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मूल उद्देश्य को छोड़कर समय के साथ अपने को बदलने से कभी परहेज नहीं किया। कोरोना वायरस को लेकर मैदानों में शाखा बंद होने के बाद स्वयंसेवकों को गतिशील बनाए रखने के लिए कुटुंब शाखा की शुरुआत कर दी। संघ के इतिहास में पहली बार सभी स्वयंसेवक अपने-अपने घरों में परिवार के साथ एक घंटे की शाखा लगा रहे हैं।

loksabha election banner

आरएसएस के सरकार्रवाह भय्याजी जोशी ने अब पूरे देश में एक साथ 19 अप्रैल की शाम अपने-अपने घरों में संघ की प्रार्थना करने का आह्वान किया है। इसके लिए 5.30 बजे शाम का समय तय किया गया है। इस कार्यक्रम में लगभग 50 लाख परिवारों के शामिल होने की संभावना है। संघ के एक केंद्रीय अधिकारी ने कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था है। स्थिति सामान्य होने के बाद मैदानों में शाखा लगनी शुरू हो जाएगी।

आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी कई बार कह चुके हैं कि भारत माता को परम वैभव पर पहुंचाने के मूल उद्देश्य को छोड़कर संघ ने समय एवं परिस्थिति के अनुसार अपने को बदलने में कभी भी परहेज नहीं किया। यही कारण है कि 95 वर्षों के बाद भी संघ निर्बाध रूप से विश्व का सबसे बड़ा संगठन बना हुआ है। संघ में बदलाव का ही नतीजा है कि स्वयंसेवकों के गणवेश में भी संघ समय-समय पर परिवर्तन करता रहा। हाफ पैंट की जगह फुलपैंट होने के साथ ही अब चमड़े का कोई भी सामान स्वयंसेवकों के गणवेश में शामिल नहीं है। जूता भी अब कपड़े का ही बन रहा है।

बच्चों व महिलाओं को बेहतर तरीके से समझने का मिला मौका

आरएसएस के झारखंड के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के कारण कुटुंब शाखा की शुरुआत होने के बाद घर की महिलाओं और बच्चों को बेहतर तरीके से संघ को समझने का मौका मिला। स्कूल एवं ट्यूशन के कारण आरएसएस परिवार के जो बच्चे शाखा नहीं जा पाते थे वर्तमान परिस्थिति में उन्हें भी संघ की शाखा में शामिल होने का मौका मिला। इसके साथ ही इस कुटुंब शाखा के माध्यम से संस्कारों को पुनर्जीवित करने और व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया निर्वाध गति से जारी रखने का काम हुआ। साथ ही यह तय हो गया कि किसी भी परिस्थिति में स्वयंसेवक अपने कार्य में लगा रहता है।

सभी स्वयंसेवक एक-दूसरे को फोन के माध्यम से दे रहे हैं सूचना

संघ के एक केंद्रीय अधिकारी ने कहा कि 19 अप्रैल के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांवों तक संघ का सूचनातंत्र कितना मजबूत है इसका आकलन करना भी है। इसलिए केवल फोन से ही इसकी सूचना दी जा रही है। इस कार्यक्रम में सभी परिवारों को मिलाकर कितने लोग शामिल हुए, उस दिन पूरी जानकारी मिल पाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.