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हाई बीपी को हल्‍के में लेने की न करें गलती, थोड़ी सी चूक जान पर पड़ सकती है भारी, जानें कैसे लाए सुधार

उच्च रक्तचाप हृदय सहित सभी अंगों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है इसलिए इसे हल्‍के में कभी नहीं लेना चाहिए। मरीज अगर इसकी दवा न लें या लापरवाही बरते तो हाइपरटेंशन या बीपी जानलेवा साबित होता है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenThu, 25 May 2023 03:51 PM (IST)
हाई बीपी को हल्‍के में लेने की न करें गलती, थोड़ी सी चूक जान पर पड़ सकती है भारी, जानें कैसे लाए सुधार
हाई बीपी से शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है।

जासं, रांची। खराब जीवनशैली, मानसिक तनाव, ज्यादा नमक का सेवन करने आदि कारणों से बीपी की बीमारी तेजी से बढ़ी है। बीपी कई दूसरी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। मरीज अगर इसकी दवा न लें या लापरवाही बरते तो हाइपरटेंशन या बीपी जानलेवा साबित होता है इसलिए इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।

हाई बीपी से शरीर के अंगों को पहुंचता है नुकसान

मेदांता अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नीरज प्रसाद बताते हैं कि हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड अपनी सामान्य गति से अधिक तीव्र गति से प्रवाहित होने लगता है। जिससे रक्त नलियों और इससे जुड़ें रहने के कारण शरीर के सभी अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

ऐसा देखा जाता है कि जितनी तीव्र गति से रक्त प्रवाहित होता है उतना ही अधिक रक्त नलियों पर जोर पड़ता है। बीपी दो प्रकार का होता है उच्च और अल्प रक्तचाप। इसमें उच्च रक्तचाप हृदय सहित सभी अंगों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

शुरुआती दिनों में नहीं दिखते कोई लक्षण 

डॉक्टर बताते हैं कि शुरुआती दौर में यह बीमारी लक्षण रहित होती है। इसलिए इसकी नियमित जांच की जरूरत है। शुरुआत में लक्षण भले ही नहीं दिखें लेकिन धीरे-धीरे यह हार्ट, ब्रेन, किडनी, आंखे आदि को खराब कर देती है।

लक्षण तब प्रकट होते है जब ये अंग खराब होकर दिक्कतें पैदा करते है। जैसे- सांस फूलना, सर दर्द होना, स्ट्रोक होना या ज्यादा समस्या बढ़ने पर लकवा होना, अंधापन और किडनी रोग आदि। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

किडनी की बीमारी बहुत बाद में होती है लेकिन तब तक इतनी देर हो जाती है कि इसे रोकना या पूरी तरह से ठीक करना संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि हार्ट के मरीजों के लिए ब्लड प्रेशर का नियंत्रित रहना सबसे महत्वपूर्ण है। इसे नियंत्रित कर के अपने हार्ट को बचा सकते है।

बीपी कंट्रोल की अच्छी दवाएं हैं उपलब्ध

समय पर हाई ब्लड प्रेशर का पता चलने से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। दवाएं कभी गलती से खाना भूल जाएं तो तनाव नहीं लें, अगले दिन से नियमित कर लें। तनाव ब्लड प्रेशर के मरीजों लिए ज्यादा घातक है।

भारत और विश्व में करीब एक तिहाई व्यस्क हाइपर टेंशन से पीड़ित है। भारत में जागरूकता की कमी के कारण नियंत्रित हाइपर टेंशन मात्र 12 से 13 प्रतिशत मरीजों में ही है।

खानपान और जीवनशैली में सुधार लाकर बच सकते हैं हाई बीपी से

इससे बचने के लिए खानपान में तीन चीजों का ध्यान रखें। सबसे पहले नमक कम से कम खाएं। दूसरा सेचुरेटेट फैट और तीसरा जंक फूड का सेवन न करें। जहां तक हो फल की मात्रा खाने में बढ़ाएं और नमक या सोडियम की मात्रा कम करें।

पोटैशियम की मात्रा बढ़ाएं। पोटैशियम नारियल पानी, नींबू, संतरा आदि रसदार फलों में पाया जाता है। जीवनशैली ठीक रखें, तनाव से दूर रहें, संतुलित आहार लें, व्यायाम करें प्रणायाम करें, यहीं बीपी से बचने का मूल मंत्र है।