रांची, जासं। Ranchi RIMS रिम्स में एक ऐसा मामला सामने आया जिसके बाद यह काफी चर्चा का विषय बना रहा। बुधवार को दिन में एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो जाती है। जिसके बाद उसके परिजन डाक्टरों को बताते हैं कि वह महिला जिंदा है और हरकत कर रही है। इसके बाद काफी हल्ला-हंगामा होता है। जिसके बाद पीजी छात्र भी डर जाते हैं और महिला को उठाकर वेंटिलेटर में डाल देते हैं। जिसके बाद महिला फिर से सांस लेने जैसे स्थिति में दिखती है। लेकिन जब जांच की जाती है तो पता चलता है कि महिला की मौत हो चुकी है और परिजनों को बताने के लिए फिर से ईसीजी कराया जाता है, जिसमें यह बात सामने आती है कि महिला की मौत हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला रिम्स के सर्जरी विभाग का है। यहां हजारीबाग से आयी महिला के गाल ब्लाडर की सर्जरी करानी थी। लेकिन यह महिला कार्डियेक की मरीज भी थी। इसके बाद इलाज कर रहे सर्जरी विभाग के एचओडी डा शीतल मलुआ ने महिला की सर्जरी से पहले उसे कार्डियोलाजी में कई तरह के जांच के लिए भेजा। जहां एनेथिया लेने के क्रम में महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद परिजनों को यह बताया गया। जब शव दिया गया तो परिजनों ने हल्ला मचाया कि महिला जिंदा है और हाथ हीला रही है। जिसके बाद वहां के पीजी छात्रों ने क्रास जांच के लिए महिला को पहले वेंटिलेटर में रखा।
डा शीतल मलुआ बताते हैं कि महिला की मौत पहले हो चुकी थी। लेकिन डाक्टर अंतिम क्षण तक मरीज को बचाने का प्रयास करते हैं। जब परिजन ने कहा कि महिला जिंदा है तो पीजी छात्रों ने उसे उठाकर फिर से वेंटिलेटर में रखा। जहां मशीन की वजह से लगा कि महिला सांस ले रही है। इसके बाद परिजनों को स्पष्ट करने के लिए ईसीजी की गई जिससे स्पष्ट हुआ कि महिला की मौत हो चुकी थी। तब जाकर मामला शांत हुआ।