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मामी का अपने दामाद से था अवैध संबंध, बच्ची ने देख लिया तो ले ली जान

नन्ही परी हत्याकांड अवैध संबंध छुपाने के लिए डोरंडा की नन्ही परी की हत्या 24 अप्रैल 2013 को कर दी गई थी नार्को टेस्ट-ब्रेन मैपिंग के जरिये 7 साल बाद पुलिस हत्यारोपितों तक पहुंची

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 04:17 PM (IST)
मामी का अपने दामाद से था अवैध संबंध, बच्ची ने देख लिया तो ले ली जान
मामी का अपने दामाद से था अवैध संबंध, बच्ची ने देख लिया तो ले ली जान

खास बातें

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  • 24 अप्रैल 2013 को मिला था बच्ची का शव, सात साल के बाद पुलिस हत्यारोपितों तक पहुंची
  • बच्ची की मंझली मामी का अपनी बहन के दामाद से था अवैध संबंध 
  • बच्ची ने संबंध बनाते देख लिया था, जिसके चलते मार डाला 
  • ब्रेन मैपिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान व मोबाइल लोकेशन के आधार पर दोनों आरोपित पकड़े गए 

रांची, जासं : रांची की डोरंडा पुलिस ने घटना के सात साल बाद बहुचर्चित नन्ही परी हत्याकांड का खुलासा कर लिया और दो आरोपितों को सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जेल जाने वालों में बच्ची की मंझली मामी शहजादी खातुन व शहजादी की बहन का दामाद मोहम्मद शाहिद अख्तर शामिल हैं।

हत्या के पीछे शहजादी का मोहम्मद शाहिद से अवैध संबंध का मामला सामने आया है। बच्ची ने दोनों को संबंध बनाने देख लिया था। दोनों का भेद न खुल जाये, इसके चलते ही शहजादी के कहने पर शाहिद ने बच्ची की हत्या कर दी थी और रात के अंधेरे में बच्ची के घर के पास स्थित एक निर्माणाधीन मकान में शव को फेंक दिया था।

रांची पुलिस आरोपितों की ब्रेन मैपिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान व मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही उन्हें गिरफ्तार की, जिसके बाद यह कहानी सामने आई। पुलिस ने दोनों ही आरोपितों शहजादी खातुन व मोहम्मद शाहिद अख्तर को सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी परमानंद उपाध्याय की अदालत में प्रस्तुत किया। यहां से दोनों को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। दोनों डोरंडा के दर्जी मोहल्ले के रहने वाले हैं। 

शहजादी के कहने पर शाहिद ने की थी बच्ची की हत्या 

अब तक की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि शहजादी और शाहिद के बीच नाजायज संबंध था। 23 अप्रैल 2013 को जिस कमरे में दोनों संबंध बना रहे थे, उसी बीच बच्ची पहुंच गई। बच्ची ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद दोनों डर गए कि कहीं उनका भेद न खुल जाये। शहजादी के ही कहने पर शाहीद ने बच्ची को पकड़ लिया और उसकी हत्या कर दी। 23 अप्रैल 2013 की रात के अंधेरे में शहजादी के घर से ही शव को लेकर दोनों बच्ची के घर के सामने निर्माणाधीन मकान में पहुंचे और शव फेंककर चले गए। दूसरे दिन यानी 24 अप्रैल को पुलिस व परिजन ने बच्ची का शव बरामद किया था। तब यह बात सामने आई थी कि बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। अब पुलिस इस बिंदु पर भी दोनों से पूछताछ करेगी। इसके लिए दोनों आरोपित रिमांड पर लिए जाएंगे। 

नार्को टेस्ट व मोबाइल लोकेशन से खुला हत्या का राज

पुलिस ने दोनों ही आरोपितों के नार्को टेस्ट के लिए एक जनवरी 2019 को अदालत में आवेदन दिया था। एक जून को अदालत से अनुमति के बाद गुजरात में दोनों का ब्रेन मैपिंग हुआ। इसमें टेस्ट पॉजिटिव निकला। वहां से इंडिकेशन मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया। वहीं जांच के खुलासे में मोबाइल लोकेशन भी मददगार साबित हुआ। 

एक बार बिना नार्को जांच के ही दोनों को लेकर लौट गई थी पुलिस

छह साल की मासूम बच्ची नन्ही परी की हत्या में जिन दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, उन्हें पहले भी नार्को टेस्ट के लिए गुजरात लेकर गई थी। इन्हें बिना नार्को टेस्ट कराए ही पुलिस लेकर वापस लौट गई थी। बताया गया था कि गुजरात के सेक्टर-18 स्थित केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के दौरान दोनों का स्वास्थ्य नार्को टेस्ट के लिए उपयुक्त नहीं था, जिसके चलते उनका टेस्ट नहीं हुआ। बाद में दोनों आरोपितों का फिर ब्रेन मैपिंग हुआ तो पूरे मामले से पर्दा हटा। नार्को टेस्ट के लिए ले जाने के पूर्व रांची पुलिस ने पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग को यह जानकारी दी थी कि दोनों संदिग्धों की पॉलीग्राफ जांच हुई थी, जिसमें दोनों के उत्तर संदेहास्पद मिले थे। 

खेलने के क्रम में गायब हो गई थी बच्ची  

छह साल ही मासूम बच्ची 23 अप्रैल 2013 को खेलने के क्रम में लापता हो गई थी। दूसरे दिन यानी 24 अप्रैल 2013 को उसकी लाश उसके घर के सामने स्थित निर्माणाधीन मकान में मिली थी। उसके हाथ, चेहरे, कान और शरीर पर गहरे चोट के निशान भी मिले थे। दुष्कर्म व हत्या के मामले में डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रोम सेक्सुअल अफेंसेज (पोक्सो) एक्ट भी जोड़ा गया था। घटना के बाद डॉग स्क्वायड, एफएसएल की मदद भी ली गई थी। इस मामले में पुलिस ने शक के आधार पर कुरैशी मोहल्ला निवासी सद्दाम कुरैशी को जेल भेजा था। बाद में वह जमानत पर छूट गया था। इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद ही कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी सिटी एसपी को दी गई थी। 

इनकी हो चुकी थी पॉलीग्राफ जांच

मोहम्मद शाहीद, शहजादी खातुन, मोहम्मद नौशाद, नसीमा बेगम, मोहम्मद वसीम अंसारी उर्फ राजू, सरवरी खातुन, मोहम्मद तौफिक, मोहम्मद कमर, इशरत खातुन, अनीशा बेगम व गुलाम सरवर।


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