विदेशों में रह रहे रांची के लोग घरों में हो चुके हैं कैद
कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया में फैल चुका है। भारत के विदेश में रहने वाले लोग घरों में कैद हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना वायरस का आतंक पूरी दुनिया में फैल चुका है। गुरूवार तक दुनिया के कुल 176 देशों के 2,27,495 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। अब तक कुल 9,303 लोगों की इससे मौत हो चुकी है। हालांकि 85,961 लोगों को इस बीमारी से बचाया भी जा चुका है। फिलहाल कई देशों में अभी लॉकडाउन की स्थिति बन चुकी है। भारत में अब तक कोरोना के 197 मामले सामने आए हैं जिसमें से 4 की मौत हो चुकी है। देश में 20 लोगों को इस संक्रमण से बचाया जा चुका है। भारत में कुछ दिनों में स्थिति बिगड़ी है। झारखंड उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जहां अब तक एक भी मरीज इस संक्रमण से प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन रांची के कई ऐसे लोग भी हैं जो विदेशों में लॉकडाउन की स्थिति में संघर्ष कर रहे हैं। जागरण की टीम ने ऐसे लोगों से बात की और जाना कि वे वहां कैसे रह रहे हैं। कालाबाजारी कर रहे 50 दुकानों को सरकार ने कराया बंद
कुवैत में द टाइम्स में सहायक संपादक के पद पर कार्य कर रही रुबाब हसन बताती हैं कि वहां 150 से अधिक लोग इससे प्रभावित हैं। अब तक एक भी मौत नहीं हुई है। वहां सरकार कालाबाजारी को लेकर बेहद सख्त है। अधिक कीमत पर मास्क बेचने वाले करीब 50 दवा दुकानों को बंद कराया जा चुका है।
घर में नमाज पढ़ने की हो रही अपील
कतर के दोहा में एनालिस्ट के पद पर काम कर रही शाजिया अहमद बताती हैं कि वहां अब तक एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है बावजूद वहां कोरोना से बचने के लिए काफी एहतियात बरती जा रही है। जुम्मे की नमाज समेत दिन के पांच वक्त की नमाज को मस्जिद में कैंसिल कर दिया गया है। लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे घर में ही नमाज पढ़ें।
एक सप्ताह से घर में हैं कैद
रविश प्रभाकर तथा उनकी पत्नी रूचि प्रिया दोनो ही अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम कर रहे हैं। रविश प्रभाकर बताते हैं कि यहां कोरोना का काफी असर दिख रहा है। ऐसे में सभी अपने घरों में कैद हैं। घर से कामकाज चल रहा है। घर में खाने-पीने तथा अन्य जरूरी सामान खरीद कर रख लिए गए हैं।
बच्चों की हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
अटलाटां के यूएस बैंक में सीनियर बैंक प्रेसिडेंट के पद पर काम कर रही रेशी अपना काम घर से ही कर रही हैं। वह लगभग दस दिनों से घर से नहीं निकली हैं। फिलहाल उनके पास एक सप्ताह का राशन अभी भी बचा हुआ है। अभी उनके बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है। चूंकि उन्हें स्कूल नहीं जाना पड़ रहा है इसलिए वे बेहद खुश हैं।
अमेरिका की दुकानों में नहीं मिल रहा सैनिटाइजर
अमेरिका के कंसास प्रांत में पेशे से डॉक्टर समरीना हसन ने बताया कि अभी भी अमेरिका में अभी हर रोज सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। हालात इतने बुरे हैं कि बाजार में मास्क तथा सैनिटाइजर समाप्त हो चुके हैं। फिलहाल 31 मार्च तक वहां लॉकडाउन की स्थिति है। चूंकि वह डॉक्टर हैं तो जरूरत पड़ने पर अस्पताल भी जाती है।