झारखंड में हड़ताली स्वास्थ्य कर्मियों पर प्राथमिकी का आदेश, सेवा भी होगी समाप्त
Jharkhand News पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल से कोरोना की जांच चरमराई। सभी जिलों में कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने का काम प्रभावित हुआ है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल से जहां पूरे राज्य में कोरोना की जांच प्रभावित हो गई, वहीं राज्य सरकार ने भी चेतावनी के बाद काम पर नहीं लौटे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने सभी जिलों के उपायुक्तों को हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करते हुए सेवामुक्त करने तथा उनकी जगह पर नई नियुक्ति करने का निर्देश दिया है।
सचिव ने इनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा है। उधर, हड़ताल के कारण राज्य में लगातार दूसरे दिन कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने से लेकर जांच की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हुई। कई जिलों में तो जांच पूरी तरह ठप हो गई। अभी सिर्फ देवघर और गढ़वा के पारा मेडिकल कर्मी हड़ताल में शामिल नहीं हैं। वहीं, आश्वासन के बाद नर्सें काम पर लौट आई हैं।
स्थायीकरण की मांग को लेकर झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ के आह्वïान पर एनआरएचएम के अनुबंध पर कार्यरत पारा मेडिकलकर्मी दो दिनों से हड़ताल पर हैं। हड़तालियों में एनआरएचएम के तहत अनुबंध पर कार्यरत लैब तकनीशियन, आयुष चिकित्सक व अन्य कर्मी भी शामिल हैं। पारा मेडिकलकर्मी राज्य सरकार के साथ वार्ता के लिए अड़े रहे, लेकिन गुरुवार को भी राज्य सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई।
इधर, सभी जिलों में उपायुक्तों और सिविल सर्जनों द्वारा महामारी और आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी का भी इनपर कोई असर नहीं पड़ा। संघ के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि संघ वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन सरकार की ओर से इसकी कोई पहल नहीं हुई।
वार्ता के बाद एएनएम, जीएनएम हड़ताल से बाहर
इधर एनआरएचएम एएनएम, जीएनएम संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ गुरुवार को स्वास्थ्य सचिव की वार्ता हुई, जिसमें संघ ने स्थायीकरण सहित अपनी सात सूत्री मांगें रखीं। इसमें नियमितीकरण और समान काम-समान वेतन के मुद्दे पर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से वार्ता कराने तथा अन्य मांगों पर भी नियमानुसार कार्रवाई के आश्वासन के बाद एएनएम तथा जीएनएम ने हड़ताल से बाहर रहने का निर्णय लिया। इससे पहले संघ ने सरकार को वार्ता के लिए गुरुवार तक का समय देते हुए कहा था कि वार्ता में सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने के बाद वे भी शुक्रवार से हड़ताल पर चली जाएंगी। अब वे हड़ताल पर नहीं जाएंगी।