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Ranchi news : अवैध इमारतें नियमित हुईं तो रांची नगर निगम को होगा अरबों का फायदा

राजधानी रांची की अवैध इमारतें रांची नगर निगम का बजट सुधार सकती हैं। अगर इन अवैध भवनों को नियमित कर दिया जाए। तो इससे रांची नगर निगम को इतनी रकम मिलेगी कि उसका घाटा खत्म हो जाएगा। इन इमारतों के नियमित होने से नगर निगम को करोड़ों का फायदा होगा।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:48 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 10:48 PM (IST)
राजधानी रांची की अवैध इमारतें जिन्हें नियिमत करने की जरूरत।

रांची (जासं): राजधानी रांची की अवैध इमारतें रांची नगर निगम का बजट सुधार सकती हैं। अगर इन अवैध भवनों को नियमित कर दिया जाए। तो इससे रांची नगर निगम को इतनी रकम मिलेगी कि उसका घाटा खत्म हो जाएगा। इन अवैध इमारतों के नियमित होने से रांची नगर निगम को करोड़ों का फायदा होगा। राजधानी में एक लाख 88 हजार 232 अवैध इमारतें हैं। अगर औसतन इन्हें 1000 वर्ग फीट क्षेत्रफल का मान लिया जाए, तो एक इमारत के नियमित होने पर निगम को सीधे 3000 रुपये की आमदनी होगी। सभी इमारतों के नियमित होने पर 56 करोड़ 46 लाख 96 हजार रुपये तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा, रांची नगर निगम को जुर्माने की रकम मिलेगी सो अलग। जानकारों का मानना है कि इन इमारतों में कई अधिक क्षेत्रफल की हैं। तो वहीं कई अपार्टमेंट हैं, जिनका क्षेत्रफल काफी अधिक है। इस तरह, ये अवैध भवनों के नियमित होने से रांची नगर निगम को अरबों रुपये की आमदनी होगी।

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गौरतलब है कि अभी नक्शा पास करने के लिए रांची नगर निगम 17 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से शुल्क लेता है। इसमें ₹14 प्रति स्क्वायर फीट लेबर सेस है जो सीधे श्रम विभाग को चला जाता है और 3 रुपये प्रति स्क्वायर फीट का शुल्क रांची नगर निगम लेता है।

बैंक्वेट हाल व हास्टल के नियमित होने से भी करोड़ों की आय : राजधानी में लगभग 250 बैंक्विट हॉल और हॉस्टल भी हैं। इनका नक्शा पास नहीं होने की वजह से लाइसेंस नहीं बन पा रहा है और रांची नगर निगम को इनका नियमित शुल्क भी नहीं मिल पा रहा है। यह बैंक्विट हॉल और हॉस्टल अगर नियमित हुए तो रांची नगर निगम को नक्शा पास करने के शुल्क व जुर्माने के अलावा लाइसेंस फीस और लाइसेंस शुल्क के रूप में नियमित आमदनी मिलने लगेगी। इस तरह करोड़ों रुपयों का फायदा बैंक्विट हॉल और हॉस्टल के नियमित होने से मिलेगा।

शहर को हो जाएगा नियमित : एक बार अवैध इमारतों को नियमित कर देने से शहर एक तरह से नियमित हो जाएगा। इसके बाद सरकार कड़ाई से नियमों का पालन करे। ताकि कोई भी बिना नक्शा पास कराए इमारत नहीं बना सके। शहर के नियमित होने से सरकार का दर्द भी दूर होगा। यही नहीं, लोगों को भी सहूलियत हो जाएगी। अभी अवैध इमारतों में रहने वालों की सांस अटकी रहती है। इमारत नियमित होने से उनकी परेशानी दूर हो जाएगी।

लोगों को मिलने लगेगा बैंक लोन : अभी अवैध इमारतों पर बैंक लोन नहीं देते। इस वजह से मकान मालिकों को दिक्कत होती है। कई लोगों के मकान जर्जर हो चुके हैं। वो मकान का पुनर्निर्माण कराना चाहते हैं। मगर, बैंक से लोन नहीं मिलने की वजह से उनका यह अरमान पूरा नहीं हो पा रहा है। कई लोग अपने मकान पर लोन लेकर व्यवसाय करना चाहते हैं। उन्हें भी इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जर्जर मकानों को पक्का बनाने के लिए दो लाख 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। अवैध मकान होने की वजह से इस योजना का भी फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मकानों को नियमित कर घाटा दूर कर सकता है निगम ः राजधानी में अवैध इमारतों की संख्या तकरीबन पौने दो लाख से भी अधिक है। इन इमारतों को सरकार एक तरफ से तोड़ नहीं सकती। अगर, सरकार इन पर बुल्डोजर चला देगी तो लोगों का काफी नुकसान होगा। पूरी रांची वीरान हो जाएगी। लोगों की गाढ़ी कमाई चली जाएगी। शहर का कारोबार और विकास प्रभावित होगा। इसलिए, बेहतर होगा कि इन इमारतों का नियमित कर दिया जाए। इसके लिए सरकार को पहल करनी होगी। इससे सरकार को आमदनी भी होगी। सरकार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी तो वहीं शहर भी पटरी पर आ जाएगा।

रमेश सिंह, रिटायर्ड मुख्य अभियंता


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