पूर्व डीजीपी डीके पांडेय व उनकी बहू के मामले में ऑनलाइन मध्यस्थता शुरू Ranchi News
Jharkhand News मध्यस्थता के लिए अगली तिथि 22 अगस्त निर्धारित की गई है। पूर्व डीजीपी की अग्रिम जमानत मध्यस्थता पर टिकी है।
रांची, जासं। राज्य के पूर्व डीजीपी डीके पांडेय के परिवार व उनकी बहू के बीच उत्पन्न विवाद दूर करने के लिए ऑनलाइन मध्यस्थता की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) द्वारा नियुक्त मध्यस्थ अधिवक्ता नीलम शेखर ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग से अलग-अलग ङ्क्षबदुओं पर बातचीत की। मध्यस्थ नीलम मामले में पक्षकार पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, उनकी पत्नी पूनम पांडेय, बेटा शुभंकर पांडेय व बहू से भी बातचीत कर विवाद सुलझाने का प्रयास करेंगी।
मध्यस्थता के लिए अगली तिथि 22 अगस्त निर्धारित की गई है। मध्यस्थता के निष्कर्ष से अदालत को अवगत कराया जाएगा। यह अगर सकारात्मक दिशा में बढ़ी, तभी पूर्व डीजीपी, उनकी पत्नी व उनके बेटे को अग्रिम जमानत मिलेगी। इस दौरान अदालत ने पूर्व डीजीपी एवं उनके परिवार वालों पर किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा रखी है। बता दें कि 20 जुलाई को अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए अपर न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय की अदालत ने मामले को मध्यस्थता केंद्र भेज दिया था। 22 जुलाई को फाइल केंद्र को प्राप्त हो गई।
यह है मामला
पूर्व डीजीपी के बेटे शुभंकर पांडेय की पत्नी रेखा मिश्रा ने 27 जून को महिला थाने में सास, ससुर व पति के खिलाफ प्रताडि़त करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रेखा मिश्रा का कहना है कि तीन साल पहले उनकी शादी हुई। शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर पति, सास व ससुर ताना देने लगे। रेखा को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाता था। प्रताडऩा की जब हद हो गई, तो वह अपने मायके में रहने लगी। दोनों में कानूनी रूप से तलाक हो चुका है। हालांकि, रेखा मिश्रा तलाक की प्रक्रिया पर भी सवाल उठा चुकी हैं।