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असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति पर हंगामा, पहुंची पुलिस

रांची : रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति विवादों के घेरे

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jan 2018 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jan 2018 10:36 PM (IST)
असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति पर हंगामा, पहुंची पुलिस
असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति पर हंगामा, पहुंची पुलिस

रांची : रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध पर हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति विवादों के घेरे में है। सोमवार को वैसे अभ्यर्थी जिनका चयन नहीं हुआ, उन लोगों नियुक्ति रद करने को लेकर वीसी कांफ्रेंस हॉल में हंगामा किया। वीसी ने इन्हें वार्ता के लिए बुलाया था। अभ्यर्थियों ने कहा कि नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई है। बैकलॉग पदों पर अनुबंध पर नियुक्ति नहीं की जा सकती है। जिनकी पहुंच और पैरवी है उन्हें नियुक्त किया गया है। इसलिए इस नियुक्ति को रद कर नए सिरे से नियुक्ति की जाए। वीसी ने कहा कि यदि किसी की भी नियुक्ति के संबंध में प्रमाण दें कि गलत तरीके से हुई है तो उसकी नियुक्ति रद कर दूंगा। इधर हंगामा के आसार को देखते हुए विवि कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। गौरतलब है कि रांची विवि में अनुबंध पर 731 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति हुई है। मौके पर प्रोवीसी डॉ. कामिनी कुमार, रजिस्ट्रार डॉ. अमर कुमार चौधरी, कुलानुशासक डॉ. दिवाकर मिंज मौजूद थे।

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जेल गए लोगों की नियुक्ति क्यों

वार्ता के क्रम में अभ्यर्थी बीच-बीच में उत्तेजित हो रहे थे। जोर-जोर से बोल रहे थे, लेकिन वीसी शांत भाव से नियमों का हवाला देते हुए सवालों का जवाब दे रहे थे। एक अभ्यर्थी ने कहा कि एमफिल का कोई प्वाइंट ही नहीं है तो डिग्री क्यों दी गई। वीसी ने कहा कि वे नियमों से बंधे हैं। सरस्वती गागराई जेपीएससी मेधा घोटाले में जेल जा चुकी है, लेकिन विवि ने उसे असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया। वीसी ने कहा कि किसी पर आपराधिक मामले हैं या नहीं इसकी सूचना विवि को नहीं दी जाती है। नियुक्ति नियमानुसार हुई है। पद पर हूं तो सरकार के नियम का पालन करूंगा।

हमारे तीन सवालों का जवाब दें

अभ्यर्थियों ने वीसी से कहा कि हमारे तीन सवाल हैं, जिसका वे जवाब दें। इस पर वीसी ने कहा कि वार्ता इस तरह से नहीं होती है। इसके बाद वे कांफ्रेंस हॉल से जाने लगे तो अभ्यर्थियों ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन सुरक्षाकर्मी उन्हें चेंबर ले गए। इधर अभ्यर्थी नियुक्ति रद करने को लेकर नारेबाजी करने लगे। वहां तैनात पुलिस बल की भी अभ्यर्थियों से बकझक हुई। इसके बाद सभी हॉल से बाहर निकल गए। अभ्यर्थियों ने कहा कि नियुक्ति रद होने तक विरोध जारी रहेगा।

सही हैं तो दें प्रमाण, करेंगे नियुक्त

कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि नियुक्ति में नियमों का अक्षरश: पालन हुआ है। इसके लिए गजट का अवलोकन किया जा सकता है। रोस्टर नियम का पालन हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों शिफ्टों के लिए एसटी पद पर 261, एससी के 47, बीसी-वन के 102, बीसी-टू के 45 व सामान्य के 281 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है। इसमें नियमित व बेकलॉग शामिल हैं। कहा, इसमें आरक्षण नियमों का शत-प्रतिशत पालन हुआ है। विवि के इतिहास में पहली बार आरक्षित पदों पर सबसे अधिक नियुक्ति हुई है। यदि किन्हीं को लगता है कि योग्यता रखने के बाद भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई है तो वे प्रमाण दें, उन्हें नियुक्त करेंगे। वीसी ने कहा कि कक्षा में विद्यार्थी-शिक्षक का अनुपात सही हो। इसलिए यह नियुक्ति हुई है। जीईआर बढ़ाने के लिए द्वितीय पाली व सांध्यकालीन कक्षाएं भी चल रही हैं। बीते एक वर्ष में 93 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए। शिक्षकों की भारी कमी हो गई और छात्रों की संख्या बढ़ गई। जेआरएफ वाले नियुक्ति नहीं चाहते हैं।


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