GSTः रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तैयार करेगा ई वे बिल के विरोध में आंदोलन का खाका
GSTः केंद्र सरकार के जीएसटी विभाग द्वारा ई वे बिल की वैधता की सीमा एक जनवरी से घटा दी गई है। रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन इसके विरोध में उतर आया है। चार जनवरी को दिगंबर जैन भवन में राज्य और जिलास्तरीय संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई गई है।
रांची,जासं । केंद्र सरकार के जीएसटी विभाग द्वारा ई वे बिल की वैधता की सीमा एक जनवरी से घटा दी गई है। रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन इसके विरोध में उतर आया है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चार जनवरी को दोपहर बाद 3:00 बजे दिगंबर जैन भवन में राज्य और जिलास्तरीय संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई है। बैठक में ई वे बिल की वैधता की सीमा घटाने के विरोध में आंदोलन का खाका तैयार होगा।
रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील सिंह चौहान ने बताया कि अब 100 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए ई वे बिल की वैधता सीमा एक दिन होगी। इसी समय सीमा में वाहन में लगे माल को पार्टी के गोदाम तक पहुंचा देना होगा। वर्ना जुर्माने की आशंका बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि परिवहन व्यवसायी के सामने ई वे बिल की वैधता सीमा घटा देने से बड़ी समस्या आ गई है। यह राष्ट्रव्यापी समस्या है। इसीलिए ट्रांसपोर्टर इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले प्रति 100 किलोमीटर तक के लिए वाहन पर लादे गए सामान के लिए ई वे बिल की समय सीमा 2 दिन होती थी। इसे एक जनवरी से घटाकर एक दिन किया गया है। झारखंड के शहरों में सुबह 6:00 से 7:00 बजे और रात 10:00 से 11:00 बजे तक भारी व्यावसायिक वाहनों के परिचालन का निषेध रहता है। ऐसी स्थिति में क्या शहर के अंदर किसी भी व्यवसायी के गोदाम में माल खाली करना संभव होगा।
उन्होंने सवाल उठाया कि रविवार या अन्य किसी भी दिन शहरों में साप्ताहिक अवकाश रहता है। ऐसी स्थिति में माल कैसे खाली होगा। सड़क जाम और राजनीतिक दलों की बंदी की स्थिति में वाहनों का परिचालन ठप हो जाता है। ऐसी स्थिति में माल खाली नहीं हो पाने पर जुर्माना की आशंका बनी रहेगी। बरसात में बारिश के कारण यदि माल वाहन से खाली नहीं हो सका। तो भी जुर्माना झेलना होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर ट्रकों में रास्ते में पड़ने वाले दो-तीन शहरों का माल लदा रहता है। तो ऐसे में क्या उनके लिए संभव है कि वह एक ही दिन में तीनों शहर का माल उतार दें।
रांची गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुनील सिंह चौहान ने कहा कि नया नियम बिल्कुल ही व्यवहारिक नहीं है। एसोसिएशन इसका विरोध करता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ई वे बिल की समय सीमा बढ़ाई जाए।