बाल विवाह समाज के लिए अभिशाप : सीपी सिंह
रांची : झारखंड में बाल विवाह के मामलों में कमी नहीं आ रही है। हम सभी को मिलकर इस वि
रांची : झारखंड में बाल विवाह के मामलों में कमी नहीं आ रही है। हम सभी को मिलकर इस विषय पर सोचना होगा। बाल विवाह से समाज कमजोर हो रहा है। इस कुरीति को मिटाना होगा। युवतियों का विवाह सही समय पर होना चाहिए, उन्हें पढ़ाई और अपने पैरों पर खड़े होने का मौका मिलना चाहिए। उक्त बातें नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बाल विवाह के रोकथाम पर आयोजित परिचर्चा में कही। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को चडरी में सिनी और ब्रिड्स एलायंस द्वारा किया गया। परिचर्चा में मंत्री, विधायक, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार वर्ग के लोग शामिल हुए। परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए विधायक गंगोत्री कुजुर ने कहा कि लड़कियों को आगे बढ़ने का मौका तभी मिलेगा जब उनकी शिक्षा पूरी होगी। इसके लिए बाल विवाह बाधक है। बाल विवाह मामले में पश्चिम बंगाल प्रथम, बिहार द्वितीय के बाद तीसरा स्थान झारखंड का आता है। क्योंकि झारखंड के गोड्डा में 63.5 फीसद, गढ़वा में 58.8 और देवघर-गिरीडीह में 52 फीसद मामले बाल विवाह से संबंधित आए हैं। इस दौरान विधानसभा में कड़ाई से बाल विवाह के विरोध में कानूनों का पालन करने व विधानसभा में भी मुद्दा बनने और बाल विवाह की रोकथाम के लिए सरकारी योजनाओं से लोगों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने सहित लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया। बाल अधिकर व विवाह की जमीनी स्तर पर चर्चा की गई। वक्ता के रूप में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, गोड्डा विधायक अमित मंडल, मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर के अलावा पदमश्री बलबीर दत्त, रजत गुप्ता, सन्नी शरद सहित कई उपस्थित थे।