राजन अमेरिका में फहरा रहे भारतीय प्रतिभा का परचम
मधुरेश नारायण रांची झारखंड सरकार के उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य परियोजना निदेशालय में उपनिदेशक रह चुके डा एसके सिंह के भाई राजन सिंह की तकनीकी कुशलता का लाभ अमेरिका सहित कई देश उठा रहे हैं।
मधुरेश नारायण, रांची : झारखंड सरकार के उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित राज्य परियोजना निदेशालय में उप निदेशक रह चुके डा. एके सिंह के भाई राजन सिंह इस समय अमेरिका के मिशिगन स्थित सेंट जोसेफ में रह रहे हैं। वह वर्तमान में विश्व की प्रतिष्ठित तकनीकी क्षेत्र की कंपनी एचसीएल टेक्नोलाजी में सीनियर प्रोग्रामर हैं। तकनीक के क्षेत्र में राजन की कार्य कुशलता को देखते हुए कंपनी की तरफ से उन्हें चीन से अमेरिका भेजा गया है। वह पिछले पांच वर्षो से कार्यरत हैं। तकनीकी क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए वे पुरस्कृत हो चुके हैं। वह मूलत: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं। प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही राजन की रुचि खेल में रही। वह फुटबॉल के बेहतर खिलाड़ी थे। सेवा में आने के बाद भी खेल के प्रति उनकी रुचि कम नहीं हुई। गांव के बच्चों में खेल को बढ़ावा देने के लिए राजन अपने स्तर से प्रयत्न करते रहते हैं। कई उभरते हुए खिलाड़ियों की उन्होंने निजी तौर पर मदद की। गांव की माटी से निकलने राजन ने अपनी प्रतिभा के दम पर अमेरिका में अपनी सफलता का परचम लहराया है। उनकी पहचान बेहतर टेक्नीकल एक्सपर्ट के रूप में है। अमेरिका ही नहीं दुनिया के दूसरे कई देशों में उनकी सेवाएं ली जाती हैं। वे अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की मदद के लिए गठित समूह के सदस्य भी हैं। विदेश में जाने वाले भारत के लोगों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर सक्रिय रहते हैं।
देश की माटी और संस्कृति से रहा है गहरा लगाव : राजन को देश की माटी और संस्कृति से गहरा लगाव रहा है। लिहाजा देश के बाहर रहकर भी वह देश की माटी की सेवा में आगे रहते हैं। अपनी संस्कृति व सभ्यता को कायम रखने के साथ-साथ मदद की भावना के दम पर वह अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के बीच लोकप्रिय हैं। राजन के पिता राजस्व कर्मचारी थे। मां इंटर स्कूल में शिक्षिका हैं। वर्तमान में बड़ी बहन माध्यमिक स्कूल में वरीय शिक्षिका हैं। एक भाई झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा में व एक भाई उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में कार्यरत हैं। घर में पढ़ाई लिखाई का पूरा माहौल था। घर पर रहकर ही इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की। इसके बाद इंजीनियरिग की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से की। इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक की पढ़ाई की। इसके बाद नोएडा, रूड़की की साफ्टवेयर कंपनियों में काम करने के बाद एचसीएल टेक्नोलॉजी से जुड़े। कार्य कुशलता को देखने के बाद कई देशों में काम करने का मौका मिला। इसके बाद चीन से अमेरिका भेजे गए।