राज्य के सारे स्कूलों में लगेंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग : नीरा
रांची पानी के अधिक से अधिक दोहन पर्यावरण में बदलाव के कारण बारिश की कमी सिमटते जलस्त्रोत गिरते भूमिगत जलस्तर से जल संकट की समस्या विकराल होती जा रही है। अब जरूरत पानी की एक-एक बूंद को बचाने की हो गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची : पानी के अधिक से अधिक दोहन, पर्यावरण में बदलाव के कारण बारिश की कमी, सिमटते जलस्त्रोत, गिरते भूमिगत जलस्तर से जल संकट की समस्या विकराल होती जा रही है। अब जरूरत पानी की एक-एक बूंद को बचाने की हो गई है। झारखंड जैसे पठारी क्षेत्र में तो जल संरक्षण और भी जरूरी है। राज्य सरकार ने जहां इसके लिए जलशक्ति अभियान की शुरूआत की है, वहीं दैनिक जागरण का जल संचयन अभियान भी लोगों को जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने जल संरक्षण को लेकर दैनिक जागरण के साथ बातचीत में ये बातें साझा कीं। प्रस्तुत है उनसे की गई बातचीत के प्रमुख अंश :
- जल संरक्षण की दिशा में शिक्षा विभाग क्या कदम उठा रहा है? जन शक्ति अभियान में आपके विभाग की क्या भूमिका होगी?
- मैंने सभी सरकारी के परिसर में पनसोखा, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि लगाने का निर्देश दिया है। सरकारी स्कूलों को उपलब्ध फंड से ही यह काम होगा। वहीं निजी स्कूलों को भी अपने स्तर से इस सिस्टम को आवश्यक रूप से लगाना है। स्कूलों में चापाकल व कुओं के पास बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। वहां सोख्ता बनाने से इसपर रोक लगेगी। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी स्कूलों को दिया गया है।
- 'दैनिक जागरण' ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर स्कूलों में जलसेना का गठन कर जल संरक्षण को आदोलन का रूप देने का प्रयास कर रहा है। इसे आप किस रूप में देखती हैं?
- दैनिक जागरण का इस दिशा में प्रयास सराहनीय है। इसके तहत सभी सरकारी स्कूलों में जलसेना के गठन का आदेश दिया गया है। कक्षा छह से आठ के बच्चे जल सेना के रूप में काम करते हुए अपने अभिभावकों, पास-पड़ोस एवं अपने साथियों को जल बचाने के लिए प्रेरित करेंगे। एक लाख बच्चों का जल सेना बनाना सचमुच सराहनीय पहल है। जल सेना के रूप में बच्चे स्कूलों में भी जल संचयन हेतु कार्य करेंगे। जल संचयन व जल प्रबंधन को आदोलन का रूप देकर ही जलसंकट की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। हमारी अपील है कि इस अभियान में बच्चों के अभिभावक, अन्य ग्रामीण सहभागी बनें।
- जल शक्ति अभियान को आप किस रूप में देखती हैं? क्या इसका परिणाम आएगा?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के तहत अब जल शक्ति अभियान का आह्वान किया है। यह अभियान भी स्वच्छता अभियान की तरह जन आंदोलन का रूप लेगा। इस अभियान में श्रमदान सबसे महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य अभियान में जनभागीदारी को बढ़ावा देना है। व्यापक जनभागीदारी के बिना सरकार कितना भी खर्च कर ले, इस तरह का अभियान सफल नहीं हो सकता। जनमानस से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस अभियान में सहभागिता निभाएं और सरकार के उद्देश्य को अंजाम तक पहुंचाएं।
- किस तरह पंचायतों में जल शक्ति अभियान कारगर होगा?
- जल शक्ति अभियान के तहत प्रत्येक पंचायतों में ट्रेंच सह बंड बनाने की योजना है। प्रत्येक पंचायतों के हर गाव में कम से कम 15 एकड़ में ट्रेंच सह बंड का निर्माण किया जाएगा। इससे एक हेक्टेयर भूमि पर एक करोड़ लीटर पानी का संचयन किया जा सकेगा। इस अभियान के तहत परंपरागत तालाबों और जलाशयों का संरक्षण, भूजल रिचार्ज, वाटरशेड डवलपमेंट और वृक्षारोपण आदि कार्य भी होंगे।
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