रेलवे ने मेकॉन अंडर पासवे के निकट से हटाया अतिक्रमण, तोड़े गए 25 अवैध निर्माण
मेकॉन अंडर पासवे तक एप्रोच रोड का निर्माण करने को लेकर रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। हल्की नोकझोंक के बीच करीब 25 घरों को हटाया गया। कुछ दुकानदार दुकान खाली करने को लेकर तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उनके पास कोर्ट का ऑर्डर है।
रांची, जासं। मेकॉन अंडर पासवे तक एप्रोच रोड का निर्माण करने को लेकर रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। हल्की नोकझोंक के बीच करीब 25 घरों को हटाया गया। कुछ दुकानदार दुकान खाली करने को लेकर तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उनके पास कोर्ट का ऑर्डर है। इस पर मौके पर तैनात मजिस्ट्रेट ने कहा कि वह कोर्ट का आर्डर दिखाएं, मगर दुकानदार कोर्ट का आर्डर दिखाने में सक्षम नहीं रहे। भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई थी। इस मौके पर सदर अंचल के अंचलाधिकारी अमित भगत अरगोड़ा अंचल के अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ओझा सहित रेलवे के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। आरपीएफ की भी तैनाती की गई थी।
उल्लेखनीय के की अंडर पासवे का मामला दो वर्षों से अधर में है। रेलवे ने अंडर पासवे का निर्माण तो कर दिया। मगर, अंडर पासवे तक जाने वाला एप्रोच रोड के लिए मेकॉन द्वारा जमीन नहीं दी जा रही है। मामला अब भी इस्पात मंत्रालय में अटका है। मेकॉन ने इस सिलसिले में फाइल मंत्रालय को बढ़ाया है। दरअसल डीपीएस स्कूल के सामने से अंडर पासवे तक एप्रोच रोड और ब्रिज का निर्माण हो चुका है। लेकिन विपरीत दिशा में अंडर पासवे से डिबडीह क्रासिंग लाइन तक सामानांतर एप्रोच रोड बनना है, जिसमें मेकॉन का 425 मीटर लंबा जमीन एप्रोच रोड के लिए मांगा गया है। जबकि रेलवे का 465 मीटर लंबा जमीन सड़क निर्माण निर्माण के लिए लिया जाएगा। कुल 890 मीटर लंबा सड़क का निर्माण होना है।
रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण है, जिसे हटाया जा रहा है। मेकॉन का 1.89 एकड़ जमीन और रेलवे का 2.65 एकड़ जमीन सड़क निर्माण में जाएगा। आठ करोड़ रुपये की लागत से अंडर पासवे का निर्माण किया गया था। कुल 10.5 करोड़ रुपये में खर्च होंगे। एप्रोच रोड का निर्माण होने से वाहनों को डिबडीह से डोरंडा जाने के लिए रेलवे क्रॉसिंग से जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिरसा चौक का गेट बंद होने से सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में वैकल्पिक मार्ग के तहत मेकॉन का सड़क का काफी प्रभावी होगा। मेकॉन कॉलोनी में बिना वाहन प्रवेश किए बाहर-बाहर सभी वाहन डोरंडा निकल जाएंगे। इसकी सुविधा होने से करीब पांच लाख लोगों को इसका लाभ मिलेगा और जाम से मुक्ति मिलेगी।