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रांची में बुकिंग क्‍लर्क की मिलीभगत से रेलवे टिकट की कालाबाजारी, चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड दलाल का मामा

Railway Tickets Black Marketing Jharkhand News चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड रांची से रेलवे टिकट की कालाबाजारी कराता था। टिकट बुकिंग क्‍लर्क नरेश कुमार की मिलीभगत से टिकट की कालाबाजारी करता था। आरपीएफ की सीआइबी ने दो दलाल को गिरफ्तार किया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 10:07 AM (IST)
Railway Tickets Black Marketing, Jharkhand News चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड रांची से रेलवे टिकट की कालाबाजारी कराता था।

रांची, जासं। रेलवे बोर्ड की तमाम सावाधानी के बावजूद रेलवे टिकट की कालाबाजारी का गोरखधंधा अब भी जारी है। इसी क्रम में आज बुधवार को एक मामला सामने आया है। चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड रांची के टिकट कालाबाजारी के सिस्टम को पूरी तरह से ऑपरेट कर रहा था। जिन रूटों में टिकट मिलना कठिन होता था, उसी रूट और लंबी दूरी का टिकट वह उपलब्ध कराता था। इसके एवज में वह प्रति व्यक्ति 1500 रुपये वसूलता था। रेलवे स्टाफ की मदद से यह सब चल रहा था। आज मामले की जानकारी रेलवे सुरक्षा बल की (क्राइम इंटेलिजेंस ब्यूरो यानि सीआइबी) को मिली।

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इसके बाद बुधवार को सीआइबी की टीम ने दो  टिकट दलाल अजय और अविनाश को रंगे हाथ टिकट के साथ गिरफ्तार किया। अजय के पास से मुरी से पल्लकड़ के लिए टिकट मिला, जो चार हजार रुपये का था। साथ में 1500 रुपये नगद मिला। उसकी निशानदेही व सूचना पर नामकुम स्टेशन के बुकिंग ऑफिस में छापा मारा गया। यहां टिकट कालाबाजारी में संलिप्त बुकिंग क्‍लर्क नरेश कुमार को पकड़ा गया। उसके पास 2500 रुपये और एक तत्काल टिकट मिला है, जो राउरकेला से अहमदाबाद के लिए था। फिलहाल तीनों की गिरफ्तारी कर सीआइबी ने आरपीएफ को सौंप दिया है।

चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड दलाल का मामा

चेन्नई में बैठा मास्टर माइंड दलाल का मामा है। दलाल ने बताया कि उसका मामा ही टिकट कटवाने के लिए निर्देशित करता था। इसके आधार पर वह टिकट बुकिंग क्‍लर्क नरेश कुमार की मदद से कंफर्म टिकट कटवाता था। बताया जाता है कि पूरे झारखंड से दलाल को टिकट के लिए अन्य दलाल संपर्क करते थे।

कमर्शियल विभाग भी है निशानदेही पर

मामले में कमर्शियल विभाग भी निशानदेही पर है। बताया जाता है कि रेलवे के कुछ अधिकारी और कर्मी को भी इसकी पूरी जानकारी थी। मिलीभगत से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा था। इसके बावजूद भी किसी ने इसकी जानकारी नहीं दी। आरपीएफ को ही इसे लेकर कदम उठाना पड़ा। बताया गया कि कालाबाजारी से मिल रहे बड़े कमीशन की राशि को बांटा जाता है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। संदेह के दायरे में और भी कुछ लोग हैं, जिनसे पूछताछ हो सकती है।

15 दिनों से दलाल पर सीआइबी की टीम कर रही थी निगरानी

इस दलाल पर करीब 15 दिनों से सीआइबी की टीम निगरानी कर रही थी। इसकी जानकारी आरपीएफ को एक पैसेंजर के द्वारा दी गई। इसके आधार पर टीम ने दलाल को रंगे हाथ पकड़ा।

रांची और हटिया स्टेशन के टिकट बुकिंग काउंटर पर पहले भी उठ चुका है सवाल

पहले भी रांची रेलवे स्टेशन और हटिया के टिकट काउंटर की व्यवस्था पर सवाल उठा चुका है, लेकिन मामले को रफा-दफा कर दिया गया। इसी का परिणाम है कि मुख्यालय से थोड़ी ही दूरी पर चल रहे गोरखधंधे का खुलासा लंबे दिनों से नहीं हो सका।

'जो दोषी होंगे, उन पर नियम संगत कार्रवाई होगी। मामले को लेकर आरपीएफ द्वारा पूछताछ चल रही है।' -नीरज अंबष्ठ, डीआरएम, रांची रेल मंडल।


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