Jharkhand News: जेल में रहेंगे रेलवे के जीएम व डीजीएम... मनरेगा घोटाले में बैंक के मैनेजर की गवाही... विधायक भूषण तिर्की की मुश्किलें बढ़ीं
Jharkhand News झारखंड की अदालतों से आज कई महत्वपूर्ण खबरें सामने आई हैं। पहली खबर यह कि रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़े गए रेलवे जीएम व डीजीएम जेल में रहेंगे। दूसरी खबर कि मनरेगा घोटाले में बैंक मैनेजर की गवाही दर्ज हुई है। उधर विधायक भी संकट में हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची : सीबीआइ की विशेष अदालत से रिश्वत मामले में गिरफ्तार रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स) के जीएम अभय कुमार एवं डीजीएम कुमार राजीव रंजन को राहत नहीं मिली है। अभी दोनों को जेल में ही रहना होगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने दोनों को राहत देने से इन्कार करते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों की ओर से 14 जून को याचिका दाखिल कर जमानत दिए जाने की गुहार लगाई गई थी। बता दें कि सीबीआइ ने दोनों को तीन जून को 2.72 लाख रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान सीबीआइ ने आरोपितों के यहां से 65.50 लाख रुपये नकद बरामद की किया था। गिरफ्तारी के बाद सीबीआइ ने दोनों को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद दोनों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया था। तभी से जेल में है।
एसबीआइ के चीफ मैनेजर ने कोर्ट में दी गवाही
उधर, एसीबी की विशेष अदालत में खूंटी जिले में हुए मनरेगा घोटाला मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान मामले में एसबीआइ बैंक के चीफ मैनेजर विनोद राम की गवाही दर्ज कराई गई। इस दौरान गवाह विनोद राम ने आरोपित राम विनोद प्रसाद सिन्हा और उनके परिजनों के बैंक स्टेटमेंट से संबंधित जानकारी अदालत को दिया। खूंटी में मनरेगा घोटाला वर्ष 2008 से 2010 के बीच का है। वर्ष 2015 में एसीबी ने इस मनरेगा घोटाले की जांच शुरू की थी। इस दौरान एसीबी ने तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा के खिलाफ 16 मुकदमा दर्ज किया था। बाद में एसीबी ने राम विनोद सिन्हा को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया। एसीबी जांच में 18.06 करोड़ का घोटाला पाया गया था। उस समय निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल खूंटी की उपायुक्त थीं। इसी मामले में ईडी ने 11 मई को निलंबित आइएएस पूजा सिंघल को मनी लांड्रिंग करने के मामले में जेल भेज दिया है।
गुमला विधायक भूषण तिर्की की मुश्किलें बढ़ी
उधर, गुमला विधायक भूषण तिर्की के द्वारा मारपीट करने एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में जल्द ही आरोप गठन किया जाएगा। एमपी-एमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अनामिका किस्कू की अदालत ने उनकी ओर से दाखिल डिस्चार्ज याचिका खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिका पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 27 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की है। विधायक भूषण तिर्की ने अदालत में डिस्चार्ज याचिका दाखिल की थी। घटना को लेकर गुमला थाना में भूषण तिर्की के साथ फ्लोरा मिंज, शीला टोप्पो, शांति मारग्रेट बाड़ा, पुष्पा किस्पोट्टा, रंजीत सरदार के खिलाफ साल 2016 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।