Move to Jagran APP

राफेल सौदा देश के साथ विश्वासघात : प्रशांत भूषण

जागरण संवाददाता, रांची : राफेल विमान सौदे को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के साथ सब

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 10:45 AM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 10:45 AM (IST)
राफेल सौदा देश के साथ विश्वासघात : प्रशांत भूषण
राफेल सौदा देश के साथ विश्वासघात : प्रशांत भूषण

जागरण संवाददाता, रांची :

loksabha election banner

राफेल विमान सौदे को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने देश के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात बताया है। शनिवार को वह रांची में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद प्रेस से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ है। बातचीत के क्रम में प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार तथ्यों को छिपा रही है। नियमों को ताक पर रखकर समझौता किया गया है। ऐसा समझौता, जिसके बारे में न तो रक्षामंत्री को कोई जानकारी होती है न एयरफोर्स को।

उन्होंने कहा कि पहले जो टेंडर हुआ था, उसमें साफ-साफ 126 हवाई जहाज खरीदने का उल्लेख था। इसमें 18 बाहर से आने थे और 108 भारत की ¨हदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को विमान बनाने की तकनीक मिलनी थी। इसकी जगह महज 10 दिन पहले बनी अनिल अंबानी की कंपनी से करार कर लिया गया, जिसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव ही नहीं है। मोदीजी फ्रांस गए तो 36 विमान का समझौता कर लिया। जो विमान 670 करोड़ में मिलना था, वह 1600 करोड़ में कर लिया। अब इसके लिए तरह-तरह की दलील दी जा रही है, जो गले के नीचे नहीं उतर रही। इस पूरे प्रकरण पर प्रशांत ने अभी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, पिछले दिनों सुप्रीमकोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेसवार्ता करके अंदर के हालात बता दिए थे। सीबीआइ का हाल भी कमोबेश यही है। यदि लोकपाल आज होता तो वहां इस मामले को उठाया जा सकता था।

झारखंड के सवाल पर कहा कि जो लोग जल, जंगल, जमीन का सवाल उठा रहे हैं, उन्हें सरकार उन्हें राष्ट्रद्रोही करार दे रही है। झूठे मुकदमे उनपर लादे जा रहे हैं। आक्रोशित भीड़ किसी की भी हत्या कर दे रही है और इसकी जवाबदेही किसी की नहीं। स्वामी अग्निवेश पर हमला करने वालों पर नामजद एफआइआर है, लेकिन आज तक ये गिफ्तार नहीं किए गए। यहां की स्थिति भी गंभीर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.