स्पीडी ट्रायल से सजा भी ताबड़तोड़, कारगर साबित हो रहा सीआइडी का प्लान
Jharkhand. पहले दो फेजों में 1502 कांडों के स्पीडी ट्रायल में 1613 अभियुक्तों को सजा हुई है। अब फिर 1001 केस लेने की तैयारी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में स्पीडी ट्रायल की व्यवस्था शुरू होते ही सजा भी ताबड़तोड़ हुई है। प्रथम फेज में 501, दूसरे फेज में 1001 केस के बाद अब एक बार फिर यानी तीसरे फेज में भी 1001 केस लेने की तैयारी है। इसके लिए सीआइडी ने प्लान तैयार किया है और जिलों से महत्वपूर्ण कांडों की सूची मांगने जा रहा है, ताकि उसका स्पीडी ट्रायल करवाया जा सके।
जो नए केस स्पीडी ट्रायल के लिए लेने की तैयारी है, उनमें दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्सुअल ऑफेंसेज (पोक्सो) आदि से संबंधित कांडों को प्राथमिकता दी जानी है। सीआइडी की मॉनीटरिंग में पूर्व के दोनों फेज के 1502 कांडों का स्पीडी ट्रायल हुआ है। इन कांडों से संबंधित 1613 अभियुक्तों को हुई सजा हुई। कुल 1502 कांडों में 371 कांड ऐसे हैं, जिनमें पुलिस पर्याप्त साक्ष्य नहीं जुटा पाई और इससे संबंधित सभी आरोपित बरी हो गए।
वहीं, 881 कांडों में पुलिस के बेहतर अनुसंधान का लाभ निकला और उसके अभियुक्तों को सजा हुई। सजा पाने वाले कुल 1613 अभियुक्तों में फांसी की सजा पाने वाले तीन व आजीवन कारावास वाले 360 अभियुक्त शामिल हैं। दस साल से ज्यादा सजा पाने वाले अभियुक्तों की संख्या 113, पांच साल से अधिक व दस साल से कम सजा पाने वाले 353 अभियुक्त शामिल हैं। 783 अभियुक्त ऐसे हैं, जिन्हें पांच साल या इससे कम की सजा हुई है।
स्पीडी ट्रायल के लिए पूर्व में दो फेज में लिए गए कुल कांडों की अद्यतन स्थिति
- कुल : 1502 कांड।
- अभियुक्तों की उपस्थिति : 95 कांडों में।
- आरोप गठन : 10 कांडों में।
- साक्ष्य : 76 कांडों में।
- बहस : 29 कांडों में।
- स्टेटमेंट : 15 कांडों में।
- सजा : 881 कांडों में।
- रिहा : 371 कांडों में।
- लंबित : सात कांड।
- अन्य कारणों से लंबित : 26 केस।