बाबुओं को फरमान, खुद करें कंप्यूटर टाइपिंग, खतरे में 10000 ऑपरेटरों की नौकरी
बहरहाल सरकार के इस फरमान से लगभग 10 हजार कम्प्यूटर आपरेटरों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।
राज्य ब्यूरो, राची : झारखंड सचिवालय समेत तमाम सरकारी दफ्तरों में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद समाप्त हो सकते हैं। विभिन्न विभागों में सचिवों ने आदेश जारी किया है कि महत्वपूर्ण कार्य निपटाने वाले सहायक प्रशाखा पदाधिकारी (एएसओ) स्वयं कंप्यूटर टाइपिंग के गुर सीख लें। इसके अलावा अन्य तकनीकी दक्षता में भी वे पारंगत हो जाएं। इसके लिए उन्हें एक महीने का वक्त दिया गया है। एएसओ को यह भी जानकारी दी गई है कि एक माह के बाद उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवा नहीं मिलेगी। बहरहाल सरकार के इस फरमान से लगभग 10 हजार कम्प्यूटर आपरेटरों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। फिलहाल विभाग के सारे तकनीकी काम कंप्यूटर ऑपरेटर ही निपटाते हैं।
इधर राज्य सरकार के इस आदेश के बाद बाबुओं के अलावा कंप्यूटर ऑपरेटरों में हड़कंप है। बताते चलें कि कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अपनी सेवा स्थायी करने का दबाव सरकार पर बना रखा है। पूर्ववर्ती सरकार ने इनका मासिक मानदेय भी बढ़ाया था। अचानक इन्हें हटाने का प्रयास होने पर सरकारी कार्यालयों के कामकाज पर असर पड़ सकता है। ये आदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं, जिसकी सुगबुगाहट शुरू भी हो गई है। इस मसले पर ऑपरेटर गोलबंद हो रहे हैं।
बताते चलें कि सहायक प्रशाखा पदाधिकारी अब से दो-तीन वर्ष पहले सहायक के नाम से जाने जाते थे। इससे इतर प्रशाखा पदाधिकारी का पद पूर्व से ही सृजित था। कमोबेश प्रशाखा पदाधिकारी के ही समकक्ष कार्यो का निष्पादन करने पर सहायकों ने अपना पद नाम बदलकर सहायक प्रशाखा पदाधिकारी करने की अपील राज्य सरकार से की थी। इसके बाद कैबिनेट के निर्णय से पदनाम बदलकर सहायक प्रशाखा पदाधिकारी किया गया।
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