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Jharkhand News: निजी विश्वविद्यालयों की होगी जांच... राज्यपाल रमेश बैस ने दी अनुमति... जांच होने तक नामांकन पर रोक नहीं

Jharkhand Governor Big Decision निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए झारखंड में बनेगा माडल एक्ट। अभी तक माडल गाइडलाइन के तहत ही निजी विश्वविद्यालयों को मिलती रही है स्थापना की अनुमति। निजी विश्वविद्यालयों की जांच के लिए उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 08:01 PM (IST)
Jharkhand News: निजी विश्वविद्यालयों की होगी जांच... राज्यपाल रमेश बैस ने दी अनुमति... जांच होने तक नामांकन पर रोक नहीं
Jharkhand News: निजी विश्वविद्यालयों की होगी जांच... राज्यपाल रमेश बैस ने दी अनुमति... जांच होने तक नामांकन पर रोक नहीं

रांची, {नीरज अम्बष्ठ}। राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य में स्थापित 16 निजी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध आधारभूत संरचनाओं की जांच की अनुमति प्रदान कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी विश्वविद्यालयों की जांच करेगी। हालांकि राज्यपाल ने छात्रहित में जांच रिपोर्ट आने तक नामांकन पर रोक नहीं लगाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की जांच होने तक नए सत्र में नामांकन पर रोक लगाने की अनुशंसा की थी।

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जांच के बाद नामांकन पर रोक लगाने का लिया जाएगा निर्णय

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के विश्वस्त स्रोतों के अनुसार, राज्यपाल ने इसपर कहा है कि जांच के बाद ही नामांकन पर रोक लगाने का निर्णय लिया जाए। उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी यह जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी कि निजी विश्वविद्यालय आवश्यक आधारभूत संरचना को लेकर यूजीसी की गाइडलाइन तथा राज्य सरकार की माडल गाइडलाइन की शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं। इसके तहत स्थापित होने के दो वर्ष के भीतर विश्वविद्यालयों की अपनी जमीन होनी थी तथा तीन साल के भीतर आवश्यक आधारभूत संरचना का निर्माण करना था।

सरकार ने विश्वविद्यालयों से मांगी आधारभूत संरचना की जानकारी

पांच साल के भीतर नैक से मान्यता भी लेना अनिवार्य शर्त में शामिल था। वर्तमान स्थिति यह है कि अधिसंख्य विश्वविद्यालयों ने निर्धारित अवधि में इन शर्तों को पूरा नहीं किया। इसे लेकर राज्य सरकार ने आधारभूत संरचना को लेकर सभी विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी थी, लेकिन एक-दो विश्वविद्यालय को छोड़कर किसी ने यह जानकारी सरकार को नहीं दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा दी गई या दी जानेवाली जानकारी के सत्यापन के लिए उप समिति गठित करने पर भी स्वीकृति दे दी है। उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी न केवल उप समितियों द्वारा सौंपी जानेवाली जांच रिपोर्ट की समीक्षा करेगी, बल्कि निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण भी करेगी। राज्य सरकार निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए माडल एक्ट भी लागू करेगी। राज्यपाल ने इसपर भी स्वीकृति दे दी है।

उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी तैयार करेगी माडल एक्ट

माडल एक्ट के प्रारुप तैयार करने के लिए भी उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। राज्यपाल ने माडल एक्ट के प्रारुप तैयार करने के लिए दो माह की समय सीमा निर्धारित की है।

राज्यपाल ने निरीक्षण और रिपोर्ट की समय सीमा भी कर दी तय

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के स्रोतों के अनुसार, राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के निरीक्षण और उसकी रिपोर्ट के सत्यापन की समय सीमा भी तय कर दी है। राज्यपाल ने उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपने की अधिकतम दो माह की समय सीमा तय कर दी है। वहीं, उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों द्वारा सौंपी गई सूचनाओं के मूल्यांकन तथा सत्यता की जांच के लिए गठित होनेवाली उपसमिति को एक माह के अंदर निरीक्षण कार्य पूरा करने को कहा है।

कमेटी में कौन-कौन

अध्यक्ष :उच्च शिक्षा निदेशक, सदस्य : कुलपति, रांची विश्वविद्यालय, संयुक्त सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, डा. बीके सिन्हा, प्राचार्य, पीके राय मेमोरियल कालेज, धनबाद, डा. शालिनी लाल, सहायक प्राध्यापक, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची।

इन सभी की जांच होगी

  • निजी विश्वविद्यालय के पास अपनी जमीन है या नहीं?
  • निर्धारित अवधि में आवश्यक आधारभूत संरचना विकसित हो पाई है या नहीं?
  • नैक से मान्यता मिल पाई है या नहीं?
  • विश्वविद्यालय वार्षिक लेखा का अंकेक्षण कराया है या नहीं?
  • छात्रों के नामांकन व शिक्षकों की उपलब्धता व उनकी योग्यता की भी जांच होगी।

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