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सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के सरकार के आदेश को चुनौती, हाई कोर्ट ने 3 सप्‍ताह में मांगा जवाब

Hemant Government इस संबंध में झारखंड नॉन एडेड निजी स्कूल एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के आदेश के चलते कई अभिभावक फीस नहीं जमा कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 04:27 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 04:30 PM (IST)
सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के सरकार के आदेश को चुनौती, हाई कोर्ट ने 3 सप्‍ताह में मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट की तस्‍वीर। फाइल फोटो।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाईकोर्ट में निजी स्कूलों द्वारा सिर्फ ट्यूशन फीस लिए जाने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है। आज इस मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने राज्य सरकार से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है। इस संबंध में झारखंड नॉन एडेड निजी स्कूल एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के आदेश के चलते कई अभिभावक फीस नहीं जमा कर रहे हैं। इससे निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।

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अधिसूचित जिलों के अभ्यर्थियों की याचिका खारिज

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के मामले में दाखिल याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जेएसएससी के जवाब के बाद अदालत ने याचिकाओं को खारिज कर दिया। जेएसएससी की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता अधिसूचित जिले के अभ्यर्थी हैं। इनका मामला सोनी कुमारी के आदेश से प्रभावित होता है।

ऐसे में इनकी याचिका पर अब सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। दरअसल हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने सोनी कुमारी के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य के अधिसूचित जिलों की नियुक्ति को रद करते हुए फिर से बहाली करने का निर्देश दिया है। बता दें कि पाकुड़ के रहने वाले नबगोपाल दास और खूंटी के रहने वाले मो. इजाज अशरफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।


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