Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जानेंगे उनका हाल, करेंगे NTPC पतरातू, नार्थ कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा
Narendra Modi Latest News देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को झारखंड की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट पतरातू और एनटीपीएसी नार्थ कर्णपुरा पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दोपहर 3 बजे से करेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Narendra Modi Latest News देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 मई को राज्य की दो बड़ी ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इसमें रामगढ़ जिले के पतरातू में निर्माणाधीन राज्य सरकार और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) का संयुक्त उद्यम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीयूवीएनएल) और चतरा जिले में एनटीपीसी का निर्माणाधीन नार्थ कर्णपुरा थर्मल पावर स्टेशन शामिल है। प्रधानमंत्री दोनों योजनाओं की समीक्षा करेंगे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा दोपहर तीन बजे आरंभ होगी।
इस दौरान केंद्रीय ऊर्जा सचिव, राज्य सरकार के मुख्य सचिव समेत ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। पतरातू में दो चरणों में 4000 मेगावाट का ऊर्जा उत्पादन संयंत्र तैयार करना है, जबकि नार्थ कर्णपुरा में 660 मेगावाट क्षमता की तीन पावर प्लांट (कुल 1980 मेगावाट) की क्षमता का ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है। दोनों योजनाओं का कार्य प्रगति पर है और आरंभिक उत्पादन इसी वर्ष 2022 से होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित बैठक को देखते हुए ऊर्जा विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े पदाधिकारियों से सारी जानकारी मांगी गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों दोनों ऊर्जा परियोजनाओं में देरी के कारण राज्य में बिजली संकट को देखते हुए सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को बेहतर समन्वय के साथ काम करने की हिदायत दी थी।
पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना निर्माणाधीन है। इसकी कुल क्षमता 4000 मेगावाट है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाना है। पतरातू रामगढ़ जिले में है। 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंदरी में एक कार्यक्रम में पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 2400 मेगावाट क्षमता के पहले चरण की नींव रखी थी। उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2016 को पतरातू थर्मल पावर स्टेशन से उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने पतरातू में बिजली उत्पादन के लिए नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) के साथ समझौता कर नया पावर प्लांट खोलने की योजना तैयार की।
एक अप्रैल 2016 को झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन का संयुक्त उपक्रम पीवीयूएनएल का गठन किया गया। इस संयुक्त उद्यम द्वारा पुरानी आधारभूत संरचना हटाकर नया प्लांट तैयार करने की दिशा में काम आरंभ किया गया। अभी इसकी गति धीमी है। इसकी बड़ी वजह पूर्व में पतरातू थर्मल पावर स्टेशन की आधारभूत संरचना को हटाना था। इसकी पहली यूनिट के इसी वर्ष आरंभ होने का दावा किया गया था।
इस परियोजना में झारखंड सरकार की 26 प्रतिशत और एनटीपीसी की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पहले चरण में 2400 मेगावाट क्षमता के साथ दो चरणों में इसे विकसित करने की योजना है। प्रथम चरण में 800 मेगावाट क्षमता की तीन इकाइ प्रस्तावित है जबकि दूसरे चरण में 1600 मेगावाट की दो इकाई स्थापित करना है। परियोजना से पैदा होने वाली बिजली का 85 प्रतिशत आवंटन झारखंड को होगा। पहले चरण की अनुमानित लागत 18 हजार करोड़ रुपये है।
कोल ब्लाक और क्लीयरेंस का संकट नार्थ कर्णपुरा में
नार्थ कर्णपुरा थर्मल पावर स्टेशन स्थापित करने की योजना वर्ष 1999 में ही बनी थी। वर्ष 2013 में इसका विधिवत शिलान्यास हुआ। योजना की गति धीमी है। इसकी वजह स्थानीय स्तर पर आने वाली परेशानियों के साथ-साथ विस्थापितों का आंदोलन रहा। इसके अलावा पावर प्लांट से संबद्ध कोल ब्लाक को लेकर भी परेशानी रही। इसके अलावा फारेस्ट क्लीयरेंस के कारण भी योजना में देरी हुई। इस वर्ष इससे बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने की दिल्ली में बैठक
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को राज्यों में बिजली की स्थिति और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा पतरातू और नार्थ कर्णपुरा प्रोजेक्ट की समीक्षा विशेष तौर पर की। झारखंड बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक ऋषिनंदन बैठक में उपस्थित हुए।