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Career Helpline: NET के पहले पेपर की पुख्ता तैयारी करें, चैप्टर को बार-बार दोहराएं

Career Helpline. जागरण करियर हेल्पलाइन में सुरेंद्रनाथ स्कूल के वरीय शिक्षक पीके पाठक ने नेट की तैयारी के टिप्स दिए। कहा मजबूत पक्ष को दोहरा लें व कमजोर पक्ष पर विशेष ध्यान दें।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 07:00 AM (IST)
Career Helpline: NET के पहले पेपर की पुख्ता तैयारी करें, चैप्टर को बार-बार दोहराएं

रांची, जासं। नेट का पहला पेपर महत्वपूर्ण है। इसकी तैयारी पुख्ता होनी चाहिए। दिसंबर में परीक्षा है। अभी से बार-बार पढ़े गए चैप्टर को दोहराएं। परीक्षार्थी अपनी तैयारी को हर कसौटी पर परखें। अपने मजबूत व कमजोर पक्षों का आकलन कर लें।  यह बातें मंगलवार को जागरण करियर हेल्पलाइन में सुरेंद्रनाथ स्कूल के वरीय शिक्षक पीके पाठक ने कहीं। वे दिसंबर में होने वाली नेट की तैयारी के बारे में बता रहे थे।

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उन्होंने कहा कि मजबूत पक्ष को दोहरा लें और कमजोर पक्ष पर विशेष ध्यान दें। योजनाबद्ध तैयारी करें। बीते वर्ष के प्रश्नों को देखें और समझें कि किस तरह के प्रश्न पूछे जा रहे हैं। पीके पाठक ने कहा कि नेट का प्रथम पत्र मुख्य द्वार की तरह है। प्रथम पत्र की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद ही द्वितीय पत्र की जांच की जाती है। इसलिए प्रथम पत्र की बेहतर तैयारी करें।

इसमें शिक्षण अभियोग्यता एवं शोध अभियोग्यता के अलावा अनुच्छेद पठन, तर्कशक्ति, संप्रेषण, सूचना व संचार तकनीक एवं उच्च शिक्षा नीति के साथ भारतीय शिक्षा नीति, महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थाओं की सामान्य जानकारी होनी चाहिए।

अच्छी तैयारी के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के इतिहास को समग्र रूप से पढ़ लें।
  • हिंदी साहित्य का इतिहास अधिक महत्वपूर्ण है।
  • रामचंद्र शुक्ल, डॉ. नागेंद्र और आचार्य दुर्गा शंकर मिश्र की किताबों को देखें।
  • पढ़े गए अध्यायों के छोटे-छोटे नोट्स बनाएं।
  • महत्वपूर्ण तिथि, वर्ष, प्रकाशन वर्ष को पुस्तक के साथ लिखें और दुहराएं।
  • हिंदी साहित्य के काल विभाजन एवं नामकरण के प्रमुख बिंदुओं को लिख कर अभ्यास कर लें।
  • भाषा-विज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं को लिखकर याद करें।
  • काव्य शास्त्र के विभिन्न वादों (रसवाद, ध्वनिवाद, अलंकारवाद, अनुमानवाद आदि) के आचार्यों के सिद्धांतों की सामान्य जानकारी रखें।
  • रस अलंकार व छंद को समझें।
  • ऋतिबद्ध एवं ऋतिमुक्त कवियों की अलग सूची बनाकर याद करें।
  • आधुनिक काल के कवियों, लेखकों, रचनाएं, प्रकाशन वर्ष एवं उनकी प्रमुख पंक्तियों की जानकारी रखें।
  • भक्तिकालीन कवि जैसे तुलसीदास, सूरदास, कबीरदास, रैदास, मलिक मुहम्मद जायसी, मीराबाई आदि की जीवनी एवं उनके साहित्य से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखें।
  • आधुनिक काल के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाओं एवं प्रकाशन वर्ष को याद रखें।
  • विद्यापति की कृतियों, रचनाकाल, शृंगार एवं भक्ति प्रवृति तथा ऐतिहासिक तथ्यों पर ध्यान दें।

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