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नए अनुभव और चुनौती के लिए खुद को करें तैयार : डॉ जेवियर

गैर-लाभकारी संगठन टेड-एक्स कांके के तत्वावधान में जूम और फेसबुक से वेबिनार का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 03:43 AM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 06:17 AM (IST)
नए अनुभव और चुनौती के लिए खुद को करें तैयार : डॉ जेवियर

जागरण संवाददाता, रांची : गैर-लाभकारी संगठन टेड-एक्स कांके के तत्वावधान में जूम और फेसबुक के ऑनलाइन मंच पर प्रमुख विचारकों के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। टेड-एक्स काके के क्यूरेटर राजीव गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित इस वेबिनार का विषय था द राइज ऑफ द न्यू व‌र्ल्ड। इस वेबिनार में 10 से अधिक विचारकों ने अपनी बातें रखी। ये विचारक देश और दुनिया की टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, लीडरशिप, आर्ट एंड कल्चर के क्षेत्र से जुड़े थे।

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आईआइएम राची के संस्थापक निदेशक डॉ. एमजे जेवियर ने वेबिनार में कहा कि कोरोना काल में दुनिया बदल रही है। इस संकट के बाद पूरी दुनिया का नया स्वरूप सामने आएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को इस बात की सबक दी है कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर ही हम और आप ज्यादा सुखमय रह सकते हैं। कोरोना ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक दिया है। दिन प्रतिदिन यह महामारी भयंकर रूप लेती जा रही है। इसका कोई वैक्सीन नहीं बन सका है। ऐसे में इससे बचाव का एकमात्र तरीका है सावधानी। यह सावधानी सिर्फ कोरोना संक्रमण के दौर के लिए ही नहीं है, बल्कि आनेवाले भविष्य के लिए भी। इसी के बलबूते हम भविष्य की आपदाओं के असर को कम कर सकते हैं। हम सभी को पर्यावरण और जलवायु के दोहन करने की आदतें बदलनी होगी। इसकी अनदेखी हमारी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है। सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता और डिजिटल खरीदारी को बढ़ावा देना होगा। डॉ. जेवियर ने कोरोना के फैले भय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पूरी दुनिया मे स्वास्थ्य सेवाएं काफी विकसित रूप में मौजूद है। बावजूद कोरोना से पूरी दुनिया में भय व्याप्त हो गया है। बीमारी की गंभीरता के बाबत जागरूक करने के तरीके और अपनाई गई नई आदतें भी एक प्रमुख कारण है। ऊपर से बीमारी का लक्षण का लगातार बदलते रहने से भी समस्या कायम है। यही वजह है कि चिकित्सा विज्ञान भी अभी तक इसे समाप्त करने की दिशा में ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका है।

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शिक्षा में तकनीक का बढ़ा है प्रभाव

डॉ. जेवियर ने शिक्षा में तकनीक के संदर्भ में कहा कि कोरोना काल मे शिक्षा में तकनीक का प्रभाव ज्यादा बढ़ा है। लोग इसे अपना रहे हैं। हालाकि चुनौतिया भी मौजूद हैं। लेकिन इसके सकारात्मक पहलू ज्यादा दिखाई पड़ रहे हैं। शोध संस्थानों को भी अपने एजेंडे निर्धारित करने होंगे। उन्हें यह तय करना होगा कि क्या पड़ाना जाना चाहिए। उन्हें इसी के अनुरूप अपने एजेंडे और पाठ्यक्रम निर्धारित करने होंगे। फिर तकनीक की मदद से उसे दूर ग्रामीण क्षेत्र तक बढ़ावा देना होगा।

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दुनिया की अर्थव्यवस्था को कोरोना ने किया नष्ट

डॉ. जेवियर ने अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर भी अपनी बात रखी। कहा कि कोरोना ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को करीब-करीब नष्ट कर दिया है। इसे उबरने में अगले कई वर्ष लगेंगें। निम्न आय वाला वर्ग सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकारी प्रयासों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। राहत पैकेज के साथ वैसे उद्योग-धंधे जी छोटे स्तर के हैं, उसे ज्यादा सपोर्ट की जरूरत है। निवेश को बढ़ावा देना होगा। उद्योगों का पुनर्निर्माण और उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकता है। कोरोना काल के बाद ई-लर्निंग, ई-कॉमर्स और अन्य तकनीकी क्षेत्र पर लोगों की निर्भरता बढ़ेगी। जिसके कारण आईटी क्षेत्र में कौशल वाले लोगों की माग बढ़ेगी। स्टार्टअप कंपनियों का भी अवसर बढ़ेगा। वेबिनार में झारखंड के आईएएस सुनील वर्णवाल, स्पीकॉन एलएलसी के महाप्रबंधक डॉ. नारायण बश्याम, बिपुल मयंक, छात्र, येल यूनिवर्सिटी स्न्, गोपीनाथन, अतुल अग्रवाल समेत कई लोगों ने प्रश्न पूछे। आईएएस सुनील वर्णवाल ने कोरोना के कारण लोगों में घटे आत्मविश्वास और भय के माहौल से उबरने के बारे में पूछा। जिसके जवाब में डॉ. जेवियर ने कहा कि लोगों का आत्मविश्वास धीरे-धीरे बढ़ेगा। लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि संक्रमण के मामले ऊपर न जायए। लोगों को स्वच्छता, सावधानी का ख्याल रखना होगा। स्वस्थ जीवनशैली अपनानी होगी। वेबिनार में अन्य श्रोताओं के प्रश्न का भी जवाब विशेषज्ञ ने दिया। वेबिनार का संचालन टेड-एक्स काके के मोडरेटर विकास हिरानी ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में राजीव गुप्ता, कनिका मल्होत्रा, कैलाश मांझी, विजेंद्र शर्मा, रश्मि साहा, अतुल अग्रवाल, कनिष्क पोद्दार,रोहित त्रिपाठी, श्रवण जाजोदिया, संतोष शर्मा, प्रीति गुप्ता की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।


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