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Jharkhand Rajrappa: रजरप्पा मंदिर में काली पूजा को ले तैयारी शुरू, तंत्रमंत्र सिद्धि और साधना के लिए देश भर से जुटेंगे तांत्रिक और साधक

Jharkhand Rajrappa रजरप्पा मंदिर में तंत्रमंत्र सिद्धि और साधना के लिए देश भर से तांत्रिक और साधक जुटते हैं। काार्तिक अमावस्या पर छिन्नमस्तिका मंदिर और दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में महानिशिकाल की बेला साधना और सिद्धि होती है। साधकों के लिए रातभर मंदिर का पट खुला रहेगा।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 11:54 AM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 11:54 AM (IST)
काली पूजा के लिए सिद्धपीठ रजरप्पा स्तिथ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में तैयारी शुरू कर दी गई है।

रजरप्पा (रामगढ़), जासं। कार्तिक आमावस्या की काली रात तंत्र मंत्र की सिद्धि और साधना के लिए अहम मानी जाती है। इस साल चार नवंबर को काली पूजा मनाई जाएगी। सिद्धपीठ रजरप्पा स्तिथ मां छिन्नमस्तिका मंदिर में तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए कोलकाता से आए दर्जनों कारीगर मंदिर के रंग रोगन कार्य में जोर - शोर से जुटे हुए हैं। कोलकाता से आए कारीगरों की टीम रजरप्पा मंदिर प्रक्षेत्र की साफ - सफाई कर रंगाई - पुताई के कार्य में लग चुके हैं। पुजारी गुड्डू पंडा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दीपावली को लेकर रजरप्पा मंदिर में रंग - रोगन का कार्य किया जाता है।

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इस बार भी कोलकाता से 22 कारीगर यहां पहुंचकर रजरप्पा मंदिर के रंग - रोगन कार्य में जुटे हुए हैं। दो नवंबर तक यहां रंग - रोगन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पूरे मंदिर प्रक्षेत्र में आकर्षक विद्युत सज्जा की जाएगी। इससे दीपावली की रात पूरा मंदिर प्रक्षेत्र रंग - बिरंगी लाइटों से जगमगा उठेगा और दीपावली पर रातभर मां छिनमस्तिका का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुला रहेगा। पुजारियों के अनुसार सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर तंत्र मंत्र की साधना और सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। इसीलिए तो कई बड़े तांत्रिक व साधक यहां उस रात को पहुंचते हैं। इस रात कई साधक और तांत्रिक खुले आसमान के नीचे तो कुछ तांत्रिक श्मशान भूमि और घने जंगलों में भी गुप्त रूप से तंत्रमंत्र सिद्धि के लिए साधना करेंगे। कार्तिक आमावस्या के मौके पर पूजा अर्चना के लिए इन मंदिरों का पट रातभर खुली रहेगी और पूजा अर्चना जारी रहेगी।

रहस्यमयी होती है काली पूजा की रात, दिन में दिखते हैं कई अंजान चेहरे

काली पूजा के मौके पर यहां का दिन जितना सुहाना होता है, रात उतनी ही रहस्यमयी। दिन में कई अनजान चेहरे कौतूहल पैदा करते हैं। वहीं, रात में घने जंगलों के बीच उठते आग की लपट और धुंआ, जंगलों, पहाड़ों और झर झर कर बहती नदियों के बीच से आती अनजान आवाजों से रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इधर, मंदिर प्रक्षेत्र में रातभर भजन कीर्तन और हवन कुंडों में दहकती आग की लपटें आलौकिक शक्ति का एहसास कराती हैं। कई साधक गुप्त रूप से साधना के लिए जंगलों में लीन रहते हैं। इसका एहसास रात में जंगलों में उठने वाली आग की लपट व रहस्यमयी आवाजों से ही महसूस किया जा सकता है।


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