मशीनगन और वाटर टैंक पिचकारी की डिमांड
रांची रंगों का पर्व होली 22 मार्च को है। बाजार रंग-बिरंगी पिचकारियों से सज गया है। जमकर ख
रांची : रंगों का पर्व होली 22 मार्च को है। बाजार रंग-बिरंगी पिचकारियों से सज गया है। जमकर खरीदारी हो रही है। इस बार होली के बाजार पर सैनिकों के पराक्रम की झलक साफ तौर पर दिख रही है। दुकानों में ज्यादातर हथियार बेस्ड थीम की पिचकारियां भरी पड़ी हैं। मशीनगन, वाटर गन, प्रेशर टैंक और बैग वाली पिचकारी काफी पसंद की जा रही है। बाजार में हथियार थीम वाली पिचकारी की कीमत 50 रुपये से 900 रुपये तक है। बच्चों को लुभा रहे आकर्षक मास्क : बाजार में उपलब्ध विभिन्न तरह के आकर्षक मास्क भी बच्चों को विशेष तौर पर लुभा रहे हैं। वहीं, रंग और गुलाल के चयन में राजधानीवासी सतर्कता बरत रहे हैं। हानिकारक रसायन से बने रंग और गुलाल की बजाय बाजार में हर्बल गुलाल की विशेष मांग है। खास बात यह है कि रासायनिक गुलाल की तुलना में हर्बल गुलाल की कीमत ज्यादा नहीं है। महज 60 रुपये खर्च करने पर बढि़या ब्रांड का हर्बल गुलाल आधा किलो मिल सकता है। हर्बल गुलाल के चलन को देखते हुए ज्यादातर दुकानदार हर्बल गुलाल भी रखते हैं। खासकर अपर बाजार, लालपुर चौक, अरगोड़ा चौक और हिनू चौक आदि प्रमुख स्थानों से हर्बल गुलाल खरीद सकते हैं। वहीं, बाजार में डिमांड को देखते कुछ हर्बल कंपनियां भी विशेष तौर पर गुलाल बेच रही हैं। इन दुकानों से भी उचित कीमत पर गुलाल खरीद सकते हैं। इधर, आचार संहिता को देखते हुए राजनीतिक दल के नेताओं से जुड़े पिचकारी इस बार नहीं देखने को मिल रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस पर तो सिर्फ सैनिक और हथियार थीम पिचकारी ही डिमांड में है। बाजार भाव: रुपये
मशीनगन पिचकारी : 50- 950
बैग वाली पिचकारी : 150-220
पाइप पिचकारी : 20-160
कलर ब्लास्ट : 40 रुपये प्रति पैकेट
आरारोट गुलाल: 60 रुपये प्रति 500 ग्राम
हर्बल स्पेशल गुलाल: 50-200 रुपये प्रति पैकेट
मास्क : 10-500 रुपये
बहुरंगी बाल: 50-100 रुपये राज्यस्तरीय बसों में टिकट की एडवांस बुकिंग : होली के मौके पर इस समय बसों पर लोड बढ़ गया है। रांची में रहकर नौकरी करने वाले व पढ़ाई करने वाले छात्र होली से पहले घर पहुंचना चाह रहे हैं। इस कारण अचानक बस स्टैंड में भीड़ बढ़ गई है। सुबह से ही घर जाने वाले और टिकट बुक कराने वालों की भीड़ देखी जा सकती है। यह स्थिति होलिका दहन से एक दिन पहले तक बनी रहेगी। खादगढ़ा से करीब तीन सौ बसें रोज खुलती हैं, इसमें डेढ़ सौ अंतरराज्यीय बसें हैं। इन बसों की अधिकतर सीटें अभी से ही फुल चल रही हैं। सबसे ज्यादा लोड झारखंड के संथाल और बिहार जाने वाली बसों पर पड़ी है। यहां टिकटों की एडवांस में बुकिंग कराई जा रही है। मनचाहा टिकट पाने वाले को मायूस होना पड़ रहा है। बिहार जाने वाले एक यात्री मनचाही सीट के लिए पुराना कस्टमर होने की दुहाई देता रहा, लेकिन बस कंडक्टर ने साफ तौर पर मना कर दिया। होली की छुंट्टी 20 और 21 मार्च को है, ऐसे में अगले दो दिनों तक बसों में इसी प्रकार की भीड़ देखी जा सकती है।