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गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने वालों पर प्राथमिकी की तैयारी

गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने वालों पर प्राथमिकी की तैयारी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 06:10 AM (IST)
गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने वालों पर प्राथमिकी की तैयारी

रांची, राज्य ब्यूरो। गलत तरीके से टैक्स रिफंड लेने वालों पर प्राथमिकी की तैयारी है। आयकर विभाग ने रामगढ़-बोकारो में ऐसे 1200 केस को चिह्नित किया है, जिनका सत्यापन चल रहा है। यह जानकारी बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने गुरुवार को यहां आयकर भवन में संवाददाता सम्मेलन में दी।

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उन्होंने बताया कि गलत तरीके से टैक्स रिफंड मामले में बोकारो परिक्षेत्र में 836 मामलों का पता चला है, जिसका पुन: निर्धारण किया गया है। गड़बड़ी पाने पर 82.93 करोड़ रुपये के टैक्स की वसूली की गई है। इसी तरह रामगढ़ में 124 मामलों का सत्यापन किया गया है, जिसमें 57 मामलों पर अभी तक विभाग के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अग्रिम कर भुगतान की आखिरी तारीख भी 15 मार्च 2019 ही है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक अग्रिम कर के रूप में 1363.1 करोड़, व्यक्तिगत निर्धारण से 483.3 करोड़ रुपये के कर का भुगतान हुआ है। जो अब तक अग्रिम कर का भुगतान नहीं किए हैं, उन्हें 15 मार्च 2019 तक का समय है। आयकर विभाग के सभी अधिकारी अग्रिम कर नहीं भरने वालों पर नजर बनाए हुए हैं।

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया

-500 व 1000 के पुराने नोट बंद करने के समय अनैतिक रूप से पैसे बैंकों में जमा किए गए और इसकी जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी गई। ऐसे लोगों के विरुद्ध अभियोजन दायर करने की तैयारी है। इसमें जुर्माना के साथ-साथ सात साल की सजा का भी प्रावधान है। अब तक झारखंड में 30 मामलों में अभियोजन दायर हो चुके हैं।

150 मामलों में अभियोजन दायर करने की तैयारी हो चुकी है, जिसमें सिर्फ रांची के ही 66 मामले हैं।

-बिहार-झारखंड को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 14962 करोड़ रुपये के कर का लक्ष्य दिया गया था। अब तक 9635.5 करोड़ रुपये ही टैक्स के रूप में वसूले गए हैं। इसमें झारखंड की भागीदारी 5418.4 करोड़ की है।

-वित्तीय वर्ष 2018-19 में झारखंड में नए करदाता बनाने का लक्ष्य 210790 है। अब तक झारखंड में 190450 नए आयकरदाता जुड़े हैं। करदाता की संख्या बढ़ाने में पूरे देश में बिहार-झारखंड दूसरे स्थान पर है।

-झारखंड में अब तक 152 सर्वे हुए हैं एवं 87.91 करोड़ अघोषित आय का आकलन भी हुआ है। इसमें 7.73 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है।

दान पत्र पर ली गई जमीन घोषित होगी बेनामी संपत्ति

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी घुमरिया ने बताया कि दानपत्र के माध्यम से आदिवासियों की जमीन लेने के ऐसे 837 मामलों का झारखंड में पता चला है। इसमें सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर काले धन का उपयोग उक्त जमीन की खरीद-बिक्री में किया गया है।

इनके विरुद्ध बेनामी एक्ट के तहत संपत्ति का अधिग्रहण एवं सजा का प्रावधान है। ऐसे लोगों की सूची आयकर विभाग राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगी और कार्रवाई का आग्रह करेगी।

प्रेस वार्ता में जो मौजूद थे

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त बिहार-झारखंड केसी घुमरिया, मुख्य आयकर आयुक्त रांची वी. महालिंगम, प्रधान आयकर आयुक्त रांची आरएन सहाय, प्रधान आयकर आयुक्त जमशेदपुर एके सहाय, प्रधान आयकर आयुक्त हजारीबाग आरबी नायक, संयुक्त आयकर आयुक्त निशा उरांव सिंहमार, मनीष झा, नयन ज्योति, आयकार उपायुक्त चिन्मया ए. मराठे।


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