Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा- "सभी के सहयोग से 2025 से पहले टीबी से मुक्त होगा झारखंड"
Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan राज्यपाल रमेश बैस ने आड्रे हाउस में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का झारखंड में शुभारंभ के अवसर पर कहा कि सभी के सहयोग से वर्ष 2025 से पहले भी झारखंड टीबी से मुक्त हो सकता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Pradhan Mantri TB Mukt Bharat Abhiyan राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि सभी के सहयोग से वर्ष 2025 से पहले भी झारखंड टीबी से मुक्त हो सकता है। ऐसा कर राज्य पूरे देश के लिए एक मिशाल पेश कर सकता है। राज्यपाल ने शुक्रवार को आड्रे हाउस में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का झारखंड में शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त झारखंड बनाने के लिए केवल डाक्टरों व अस्पतालों के भरोसे रहने से काम नहीं चलेगा। हर वर्ग को इस अभियान से जोड़ना होगा।
इससे पहले राज्यपाल तथा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नौ सितंबर को पूरे देश में इसका शुभारंभ किया था।
राज्यपाल ने सभी को इस अभियान से जुड़ने का किया आह्वान
राज्यपाल ने कारपोरेट, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं, राजनीतिक दलों, जन प्रतिनिधियों से नि-क्षय मित्र बनकर इस अभियान से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी के प्रयास से ही टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। उन्होंने शैक्षणिक संस्थाओं से भी अपने यहां पढ़ाई कर रहे टीबी ग्रसित बच्चों की पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित कराने की अपील की।
कोविड और टीबी दोनों की जांच एक साथ
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार एक साथ कोविड और टीबी दोनों की जांच कराने की दिशा में काम कर रही है। इससे एक पंथ दो काज होंगे। लोकसभा सदस्य संजय सेठ ने तीन दिनों पहले कांके की एक पंचायत को गोद लेने तथा टीबी मरीजों के पोषण की जानकारी दी। राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने भी इसमें पूरा सहयोग का आश्वासन दिया।
दुनिया 2030, लेकिन भारत 2025 तक टीबी को खत्म करने का रखा लक्ष्य
इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन भारत ने इसे 2025 तक ही खत्म करने का संकल्प लिया है। इस मौके पर टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरित किए गए तथा सभी लोगों को अपने जीवनकाल में टीबी को समाप्त करने की शपथ दिलाई गई।