प्रदीप-बंधु ने कांग्रेस में विलय के पक्ष में दीं दलीलें
रांची विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस में विलय के पक्ष में मंगलवार को विधानसभा सचिवालय को जवाब प्रेषित किया।
रांची : विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस में विलय के पक्ष में मंगलवार को विधानसभा सचिवालय को जवाब प्रेषित किया। इसमें दसवीं अनुसूची का हवाला देते हुए कहा गया है कि पिछली विधानसभा में झाविमो के छह विधायकों के भाजपा में विलय को विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण ने मंजूरी प्रदान की थी। इसमें यह दलील दी गई थी कि दस में छह तत्कालीन विधायकों ने भाजपा में झाविमो विधायक दल के विलय की घोषणा की है, लिहाजा यह नियम के अनुकूल है। उसी आदेश के आलोक में दोनों विधायकों ने अपने पक्ष में तर्क देते हुए विधानसभा अध्यक्ष से गुजारिश की है कि उनके द्वारा कांग्रेस में विलय को मान्यता दी जाए।
विधानसभा सचिवालय को भेजे गए जवाब में प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने जिक्र किया है कि पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर तीन विधायक निर्वाचित घोषित किए गए थे। इसमें से दो विधायकों ने कांग्रेस में विलय किया, जबकि एक अन्य विधायक बाबूलाल मरांडी ने भाजपा में विलय की घोषणा की। नियमानुसार दो विधायकों के विलय को मान्यता देना चाहिए। फिलहाल विधानसभा सचिवालय ने झाविमो के सिबल पर निर्वाचित तीनों विधायकों को निर्दलीय विधायक का दर्जा दे रखा है। उधर, निर्वाचन आयोग ने बाबूलाल मरांडी के भाजपा में विलय को मान्यता दी है। चुनाव आयोग ने प्रदीप यादव और बंधु तिर्की द्वारा कांग्रेस में विलय की मान्यता को नकार दिया है।
गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने बाबूलाल मरांडी के नेता प्रतिपक्ष के दावे पर तीनों विधायकों से जवाब तलब किया है। पहले इसकी इस मामले में जवाब दाखिल करने की अंतिम तारीख 17 सितंबर थी, लेकिन विधायकों के आग्रह पर इसे बढ़ाकर सात अक्टूबर किया गया था। अंतिम तारीख के एक दिन पूर्व प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने विधानसभा सचिवालय को अपना जवाब सौंपा।
इधर, बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय को जवाब नहीं सौंपा है। दरअसल, बाबूलाल मरांडी कोरोना संक्रमित थे और मंगलवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। वे संभवत: बुधवार को विधानसभा सचिवालय को अपना जवाब सौंप सकते हैं।
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