अब किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे प्रभुनाथ सिंह
अब वो तभी किसी भी चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं, जब उन्हें कोर्ट से इस मामले से बरी कर दिया जाए।

जासं, रांची : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को हजारीबाग सिविल कोर्ट ने विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसके बाद अब वो किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
झारखंड सरकार के पूर्व स्थायी सलाहकार अभय मिश्रा ने बताया कि 20 जुलाई 2013 में लीली थॉमस वर्सेज भारत सरकार के केस में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य को अगर किसी मामले में न्यूनतम दो साल की भी सजा दी जाती है तो कोर्ट के सजा सुनाते ही उस व्यक्ति की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि लीली थॉमस ने जनप्रतिनिधि कानून के आर्टिकल 8(4) को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पहले इस कानून के तहत जनप्रतिनिधियों को सजा मिलने के बाद अपील करने के लिए तीन महीने का समय मिलता था।
राजनीतिज्ञ इस दौरान उच्च न्यायालय से अपने केस में स्टे लेकर अपनी सदस्यता बचाने में कामयाब हो जाते थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई 2013 के आदेश में जनप्रतिनिधि कानून के आर्टिकल 8(4) को असंवैधानिक करार दे दिया। इस आदेश के तहत सबसे पहले कांग्रेस के नेता रसीद मसूद की सदस्यता एमबीबीएस में अयोग्य अभ्यर्थियों का नामांकन कराने में सजा पाने के कारण समाप्त हो गई थी।
अभय मिश्रा ने कहा कि अब आरजेडी के पूर्व सांसद के पास हाई कोर्ट में लोअर कोर्ट के फैसले को चुनौती देने और जमानत के लिए आवेदन देने का ही विकल्प बचा है। अब वो तभी किसी भी चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं, जब उन्हें हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से इस मामले से पूरी तरह से बरी कर दिया जाए।

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