Postal Stamp Scam: सीबीआइ ने 71 लाख रुपये के पोस्टल स्टांप घोटाले में दर्ज की प्राथमिकी
Postal Stamp Scam रांची के डोरंडा स्थित मुख्य डाकघर में वर्ष 2011 से 2018 के बीच का मामला। तत्कालीन सहायक पोस्टमास्टर ट्रेजरर स्टांप तथा अन्य को बनाया गया आरोपित।
रांची, राज्य ब्यूरो। Postal Stamp Scam सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डोरंडा मुख्य डाकघर से 71 लाख तीन हजार 519 रुपये के पोस्टल स्टांप घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की है। घोटाले का यह मामला 2011 से 2018 के बीच की है। इस मामले में डोरंडा मुख्य डाकघर के तत्कालीन सहायक पोस्टमास्टर राजेश कुमार, डाक सहायक/ट्रेजरर स्टांप अजय कुमार श्रीवास्तव व अन्य को आरोपित किया गया है। इन पर गलत तरीके से जालसाजी कर करीब 71 लाख तीन हजार 519 रुपये का पोस्ट स्टांप 'बुक नाउ, पे लेटर (बीएनपीएल) ग्राहक से प्राप्त चेक के आधार पर आवंटित कराया और उसे खुले बाजार में बेचकर राशि हड़प ली।
दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि तब सहायक पोस्टमास्टर राजेश कुमार मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव के रूप में काम कर रहे थे। उनकी ड्यूटी थी कि पोस्ट ऑफिस के लिए व्यवसाय बढ़ाएं। राजेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2011 से 2018 के बीच बीएनपीएल ग्राहक से करीब 71 लाख तीन हजार 519 रुपये का चेक लिया और उसे डोरंडा मुख्य डाकघर के कोषागार में जमा किया। चेक क्लियर होने के बाद वे डाक सहायक/ट्रेजरर अजय कुमार श्रीवास्तव से उसी मूल्य (71 लाख तीन हजार 519 रुपये) के पोस्टल स्टांप अवैध तरीके से आवंटित कराए। इस काम को दोनों ने साजिश के तहत किया। इसके बाद राजेश कुमार ने उक्त स्टांप को ओपेन मार्केट में बेच दिया।
क्या है बीएनपीएल
'बुक नाउ, पे लेटर (बीएनपीएल) एक ऐसी सुविधा है, जो डाकघर के माध्यम से सरकारी कार्यालय व निजी एजेंसी को उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे कार्यालय व एजेंसी से बड़ी संख्या में स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक व साधारण डाक भेजा जाता है। बीएनपीएल ग्राहक को स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड या साधारण डाक के लिए डाकघर आने की कोई बाध्यता नहीं है। इतना ही नहीं, उन्हें पोस्टल स्टांप खरीदने व उसे लिफाफा पर चिपकाने की बाध्यता भी नहीं होती। बीएनपीएल ग्राहक को पोस्टल रेट का एक चार्ट दिया जाता है, जिसपर उस सामग्री का वजन व बार कोड लिखा रहता है। ग्राहक को भेजे जाने वाले लिफाफे पर बार कोड चिपकाना होता है और उससे संबंधित रजिस्टर मेंटेन करना होता है। रजिस्टर पर आइटम, उसके वजन व पोस्टल रेट का जिक्र करना होता है। इसके बाद प्रतिदिन डाकघर का कर्मी उक्त कार्यालय में जाता है और बीएनपीएल ग्राहक से डाक सामग्री को लेकर डाकघर जाता है, जहां से उसे संबंधित जगहों को भेजता है।