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भूख से बच्ची की मौत पर गरमाई झारखंड की सियासत

सिमडेगा में बच्ची की मौत पर झामुमो और आजसू ने रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 Oct 2017 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 19 Oct 2017 03:20 PM (IST)
भूख से बच्ची की मौत पर गरमाई झारखंड की सियासत
भूख से बच्ची की मौत पर गरमाई झारखंड की सियासत

राज्य ब्यूरो, रांची। सिमडेगा में बच्ची की मौत पर झारखंड की सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने जहां राज्य सरकार पर आरोपों की बौछार करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास बहुराष्ट्रीय सीएम बताया वहीं आजसू ने बच्ची की मौत के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार बताया। ज्यांद्रेज ने सरकार की खाद्यान्न नीति पर ही सवाल उठाया है। हेमंत ने कहा कि राज्य के लोगों की पीड़ा जानने की उन्हें चिंता नहीं है। राशन नहीं मिलने के कारण लोग मर रहे हैं।

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सिमडेगा में बच्ची की मौत की देशभर में निंदा हो रही है। यहां सिर्फ कागज पर विकास की बातें हैं। हकीकत में पूरा प्रशासनिक ढांचा ही ध्वस्त है। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने पत्रकारों से कहा कि झारखंड में हो रहे विकास और गांव, गरीब, किसान के हित में रघुवर सरकार द्वारा उठाए गए कदम से झामुमो बौखला गया है। यह बौखलाहट का ही परिणाम है कि हेमंत सोरेन अनापशनाप और तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं।

सिमडेगा में बच्ची की हुई मौत पर कहा कि वहां इस मामले में दो-दो जांच कराई गई। दोनों ही जांचों में भूख से नहीं बल्कि मलेरिया से मौत होने की पुष्टि हुई है। हेमंत सोरेने के मुंह से गरीबी और संघर्ष की बात अच्छी नहीं लगती है। मुख्यमंत्री के विदेश दौरे को मौज मस्ती करार देने वाले ये वही हेमंत सोरेन हैं, जो मात्र 14 माह के अपने मुख्यमंत्रित्व काल में 10 दिनों की छुट्टी मनाने गोवा गए थे। राज्य में जब झामुमो की सरकार आई तो उसने बालू घाट मुंबई की कंपनी को बेच दिया था, जबकि भाजपा सरकार ने बालू घाट पंचायतों को दे दिया।

इधर, सरकार के सहयोगी दल आजसू ने सिमडेगा में बच्ची की मौत पर मुख्य सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता देवशरण भगत ने पत्रकारों से कहा कि सरकार उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराए। आधार कार्ड के लिंकेज नहीं होने से बड़ी संख्या में गरीबों को अनाज नहीं मिल रहा है, जबकि यह खाद्य सुरक्षा कानून और भोजन के अधिकार का उल्लंघन है।

वहीं, भोजन के अधिकार को लेकर अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्यांद्रेज ने राज्य सरकार की खाद्यान्न नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की 80 फीसद पीडीएस दुकानों में आधार आधारित बायोमीट्रिक मशीन (ई-पॉस) लगाई गई है। इसमें बगैर आधार राशन मिलना मुश्किल है।

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