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Petrol Price Politics: पेट्रोल हुआ सौ पार, झारखंड में बढ़ी सियासी रार; सत्ता पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर साध रहे निशाना

Petrol Price Politics झारखंड में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बढ़ती कीमतों का दोष मढ़ा है वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा राज्य सरकार पर वैट कम करने को लेकर दबाव बना रही है। वैट और सेस को लेकर राजनीतिक दल एक दूसरे को दोष दे रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 04:13 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 04:23 PM (IST)
Petrol Price Politics: पेट्रोल हुआ सौ पार, झारखंड में बढ़ी सियासी रार; सत्ता पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर साध रहे निशाना
Petrol Price Politics वैट और सेस को लेकर राजनीतिक दल एक दूसरे को दोष दे रहे हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों और इस पर लगने वाले टैक्स का तिलिस्म अब किसी से छिपा नहीं है। जनता जनार्दन को भी अब इसकी वाजिब कीमत पर और इस पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा वसूले जा रहे टैक्स की जानकारी है। पेट्रोल अब झारखंड में भी सौ रुपये पार कर गया है, जाहिर है ऐसे में राजनीतिक दल एक दूसरे पर निशाना साध अपने-अपने दलों को सेफ मोड में ले जाने की कोशिश तो करेंगे ही। राज्य में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने जहां केंद्र सरकार पर बढ़ती कीमतों का दोष मढ़ा है, वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा राज्य सरकार पर वैट कम करने को लेकर दबाव बना रही है।

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जाहिर है, बढ़ती महंगाई से जनता की मुश्किलें बढ़ी हैं, तो राजनीतिक दलों में रार। बता दें कि झारखंड में रविवार को पेट्रोल की कीमतें सौ रुपये (100.25 रुपये प्रति लीटर) पार कर गई। प्रति लीटर पेट्रोल पर झारखंड सरकार 17 रुपये या 22 प्रतिशत वैट वसूलती है। इनमें जो अधिक होता है, वह लिया जाता है। इसके अलावा एक रुपये प्रति लीटर का सेस भी लगता है। डीजल पर यह 12.50 रुपये या 22 प्रतिशत, दोनों में से जो अधिक होगा, लिया जाता है। एक रुपये सेस डीजल में भी है।

वहीं केंद्र सरकार करीब 32 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी लेती है। इसके अलावा डीलर कमीशन व अन्य अलग हैं। पेट्रोल का बेस प्राइस अभी भी 45 रुपये के दायरे में बताया जाता है। अब बहस इस बात पर छिड़ी है कि कौन कितना टैक्स लेता है और जनहित में किसका टैक्स ज्यादा जरूरी है। इन्हीं तर्कों को आधार बनाकर राजनीतिक दल एक दूसरे को दोष दे रहे हैं।

केंद्र के खिलाफ मुद्दा बनाएगी कांग्रेस

कांग्रेस पूरे प्रदेश में पेट्रोल-डीजल और सिलेंडर की बढ़ती कीमतों को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों को जागरुक करेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सभी जिला अध्यक्षों को पहले ही इसके लिए निर्देश दे दिया है। पार्टी के सभी विधायक और जिला अध्यक्ष इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। कांग्रेस के प्रदेश राजेश ठाकुर ने कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी केंद्र सरकार की नाकामियों का परिणाम है।

खाद्य सामग्रियों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। तेल और रिफाइंड तक लोगों की रसोई से दूर होते जा रहे हैं। आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों ने नारा लगाया कि बहुत हुई महंगाई की मार-अबकी बार मोदी सरकार, उन्होंने सत्ता में आने के बाद आम लोगों को महंगाई के गर्त में डूबाने का काम किया है। प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने टैक्स नहीं बढ़ाया होता, तो ऐसे हालात नहीं होते।

पेट्रोल और डीजल पर छूट वापस लेने वाले केंद्र पर मढ़ रहे दोष : भाजपा

केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर जो टैक्स लेती है, उसे जनकल्याणकारी योजनाओं पर पूरे देश में खर्च करती है और इन पैसों का एक बड़ा हिस्सा राज्यों को भी योजनाओं के जरिए वापस मिलता है। वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही तत्कालीन भाजपा सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीजल पर दी गई दो रुपये प्रति लीटर की छूट को वापस ले लिया था।

अब वह सारा दोष केंद्र पर मढ़ रहे हैं। अगर केंद्र टैक्स नहीं वसूली करेगी, तो गरीब कल्याण की योजनाओं पर बड़ा असर पड़ेगा। राज्य सरकार कभी भी अपने हिस्से के वैट के स्लैब को कम करने की बात नहीं करती। राज्य सरकार चाहे तो वह अपने हिस्से के टैक्स में कटौती करके राज्य की जनता को बड़ी राहत दे सकती है। लेकिन उन्हें तो सिर्फ राजनीति करना है, और हर चीज के लिए केंद्र सरकार को कोसना है।


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